विधायक नागरा का चुनाव लड़ने का एलान बना चर्चा का विषय

विधायकी को ठोकर मार किसानों के हक में सुर्खियां बटोरने वाले नागरा का यू-टर्न लेते ही 2022 में चुनाव लड़ने का एलान चर्चा का विषय बन गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 11:50 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 11:50 PM (IST)
विधायक नागरा का चुनाव लड़ने का एलान बना चर्चा का विषय
विधायक नागरा का चुनाव लड़ने का एलान बना चर्चा का विषय

सुखवीर सुख, फतेहगढ़ साहिब : विधायकी को ठोकर मार किसानों के हक में सुर्खियां बटोरने वाले नागरा का यू-टर्न लेते ही 2022 में चुनाव लड़ने का एलान चर्चा का विषय बन गया। कृषि कानून के खिलाफ विधायकी का त्याग करना वो बड़ी बात थी कि या फिर 2022 के लिए अभी से चुनाव लड़ने का एलान करना बड़ी बात होने जा रही है। हालांकि विरोधियों ने खुलकर कहना शुरू कर दिया है कि नागरा के इस एलान से उनके द्वारा किसानी मुद्दों पर की जा रही सियासत की पोल खोल दी है। वहीं, नागरा अपने द्वारा करवाए विकास कार्यों का हवाला देकर फिर से विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ने की बात कर रहे है।

नागरा ने बाबा बंदा सिंह बहादुर के 351वें जन्मदिवस के मौके पर ज्योति स्वरूप चौक में लगाए बाबा बंदा सिंह बहादुर के बुत के दौरान प्रदेश स्तरीय समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जितना विकास पिछले साढ़े चार वर्षों में हुआ है, इतना विकास हलके में पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि यदि हलके के लोग उनके द्वारा करवाए विकास कार्यों से संतुष्ट हैं तो वह उन्हें जिताएंगे। इसके बाद समारोह में उपस्थित लोगों ने नागरा के हक में हाथ खड़े कर दिए। इस दौरान नागरा ने लोगों को 2022 विधानसभा चुनाव के लिए अब से ही तैयारी शुरू करने की बात बोल दी।

चुनावी फिजा बदलते ही कृषि कानूनों के दम भरने वाले नागरा आज अपने 37 मिनट के भाषण में किसानों के नाम पर चुप्पी साधे रहे। हैरानी की बात यह थी कि कृषि कानूनों की विरोधता में खड़े किसानों के हक में अपनी विधायक की सदस्यता से इस्तीफा देकर किसानों के हितैषी होने का दम भरने वाले नागरा ने आज एक भी शब्द किसानों के लिए नहीं बोला। आज वे प्रदेश में बदल रही सियासी फिजा में पूरी तरह रंगे नजर आए और 2022 के चुनावी संग्राम में कूदने का एलान कर दिया। कहा था-जब तक कृषि कानून रद नहीं लेंगे विधायक पद

गांव राणवां में 15 सितंबर 2020 को किसान धरने को संबोधित करते हुए विधायक कुलजीत सिंह नागरा ने कहा था कि जब तक यह लड़ाई चलेगी वह किसानों के कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे। इसके बाद जब 17 सितंबर 2020 को तीन कृषि कानून पारित हुए तो उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा था कि जब तक यह कृषि कानून रद नहीं होते वह किसी भी तरह का पद या विधायक का पद नहीं लेंगे। 26 सितंबर 2021 को भी बोले थे-वजीरी नहीं लेंगे

इसके बाद मौका था कैबिनेट विस्तार का। 26 सितंबर 2021 को जब कैबिनेट में एंट्री नहीं मिली तो उन्होंने फेसबुक पर लाइव होकर कहा था कि वह विधायक पद से पहले ही इस्तीफा दे चुके है। इसलिए वह कोई वजीरी नहीं लेंगे। वजीरी या पद से बड़ा मेरा दिया इस्तीफा अहम है और जिस मुद्दे पर दिया है वह बहुत बड़ा है।

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