समागम में तीन जिलों के प्रतिनिधियों ने लिया हिस्सा
15वें जोनल स्तरीय 2 दिवसीय आत्म प्रबोध समागम की शुरूआत भाई चरनजीत सिंह चन्नी की तरफ से शब्द गान करने के साथ हुई।
संवाद सहयोगी, कोटकपूरा
गुरु गोबिद सिंह स्टडी सर्किल की तरफ से सिक्खांवाला रोड पर स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में 15वें जोन स्तरीय दो दिवसीय आत्म प्रबोध समागम की शुरूआत भाई चरनजीत सिंह चन्नी ने शबद गायन से किया।
प्रसिद्ध कथावाचक भाई बलदेव सिंह पाउंटा साहब वाले, गुरमीत सिंह, भाई काहन सिंह नाभा इंस्टीट्यूट लुधियाना, डॉ अवीनिन्दरपाल सिंह, प्रो. गुरप्रीत सिंह मुक्तसर, शिवराज सिंह, बलवंत सिंह और रणजीत सिंह खच्चड़ भी थे। नवनीत सिंह इस 15वें सालाना समागम में 3 जिलों में से आए 220 प्रतिनिधियो का स्वागत करते हुए सालाना रिपोर्ट पेश की।
प्रसिद्ध कथावाचक भाई बलदेव सिंह पाउंटा साहब वाले ने बताया कि गुरुद्धारा साहिब बनाए तो शिक्षा संस्थान की तरह थे, परन्तु गुरुद्वारों में से बाबे नानक का कर्म करो, नाम जपो, वंड छको का सिद्धांत गायब कर दिया गया है और अब गुरुद्वारों को सिर्फ पूजा स्थान ही बना दिया गया है।
अगले सेशन के मुख्य वक्ता मनधीर सिंह और अजमेर सिंह इतिहासकार ने जत्थेबन्दक एकसुरता-एकसारता के लिए लीडरशिप की भूमिका विषय महाराजा रणजीत सिंह के राज का पतन, योग्यता, उत्तराधिकारी के अलावा दैवीय और संसारी गुण, दुर्गुण बारे विस्तार सहित व्याख्या की। जोनल प्रेस सचिव बलविन्दर सिंह कोटकपूरा ने बताया कि इस समय तीन जिलों के 12 क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के अलावा शहर की प्रमुख शखशियतें भी मौजूद थी। नेटवर्किंग सेवाओं के लिए जसमिन्दर सिंह काका का विशेष सम्मान किया गया।
रिपोर्ट सेशन में डॉ करनजीत सिंह, जगमोहन सिंह कोटकपूरा, रणजीत सिंह बुर्ज, परमवीर सिंह मुक्तसर, कुलदीप सिंह भगता, सतवीर सिंह बाघापुराना, गुरचरन सिंह जैतो, राजप्रीत सिंह मुक्तसर, शमेशर सिंह और डॉ गुरजिन्दर सिंह आदि ने भी अपने अपने विचार रखे।