खराब ट्रीटमेंट प्लांट बना मुसीबत
शहर के लोगों को शुद्ध पानी मुहैया कराने के लिए 117 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।
संवाद सहयोगी, कोटकपूरा
शहर के लोगों को शुद्ध पानी मुहैया कराने के लिए 117 करोड़ रुपये सरकार से वसूलने वाली निजी कंपनी की लापरवाही का खमियाजा लोगो को भुगतना पड़ रहा है। वाटर वर्क्स विभाग के पानी साफ करने के लिए लगे चार ट्रीटमेंट प्लांटों में से दो पिछले काफी समय से खराब हैं। विभाग की तरफ से निजी कंपनी के अधिकारियों को लिखित तौर पर सूचित करके उक्त ट्रीटमेंट प्लांट ठीक करने के बारे कहा जा चुका है परन्तु उनके कान पर जूँ तक नहीं सरक रही। कई दिनों की नहरबन्दी के बाद नहरों चल पड़ने अर्थात वाटर वर्क्स को पानी मुहैया करवाने वाले रजवाहे में पानी पूरी तरह भर जाने के बावजूद शहर निवासियों को निरंतर पानी सप्लाई नहीं हो रही।
पहले नहरबंदी के कारण विभाग की तरफ से शहर को तीन हिस्सों में बाँट कर दो दो घंटों के लिए एक दिन छोड़ कर पानी स्पलाई किया जाता था परन्तु अब नहरों में पानी आ जाने के बावजूद एक दिन छोड़ कर सप्लाई वाली काट अभी भी जारी है। हलका विधायक कुलतार सिंह संधवा ने इस को तत्कालीन बादल सरकार और मौजूदा कैप्टन सरकार की नालायकी बताते कहा कि शहर निवासियों को प्रदूषित पानी स्पलाई करने, सीवरेज के ठप्प रहने, बिना बारिश के गली -मोहल्लों में जमा हुआ नालियों का गंदा पानी और इसके बाद फालतू पानी मिलने के बावजूद शहर के लोगों को काट लगा कर अर्थात एक दिन छोड़ कर पानी स्पलाई करने के कारण पिछले लंबे समय से निजी कंपनी विवादों में घिरी हुई है। परन्तु सरकार ने आज तक उक्त कंपनी का ठेका रद करने की जरूरत तक नहीं समझी।
इनसेट
चल्द ठीक करवाएंगे प्लांट : एसडीओ
गुरपाल सिंह एसडीओ वाटर वर्क्स /सीवरेज विभाग कोटकपूरा ने माना कि कंपनी वाले लापरवाही कर रहे हैं परन्तु वह सख्ती के साथ हुक्म करके दोनों ट्रीटमेंट पलांट जल्द ठीक कराने की कोशिश करेंगे जिससे पानी स्पलाई निर्विघ्न जारी रहे।