ओम नम: शिवाय का पाठ कल्याणकारी
सावन का महीना कैलाशपति त्रिभुवन पति भगवान श्री शिव को अति प्रिय है।
जेएनएन, फरीदकोट
सावन का महीना कैलाशपति त्रिभुवन पति भगवान श्री शिव को अति प्रिय है। श्रावण मास के सोमवार में भगवान शंकर को भक्तगण गंगाजल, शुद्ध जल या पंचामृत अत: बेलपत्र भांग धतूरा अक्षत पुष्प इत्यादि से भगवान शिव को भक्तगण प्रसन्न करते है धार्मिक दृष्टि से श्रावण के सोमवारो का विशेष महत्व बताया गया है। श्रावण मास में 5 सोमवार पड़ रहे हैं इन पांच श्रावण मास के सोमवार को जो स्त्री या पुरुष व्रत करते हैं उनके यहां भगवान शिव धन-धान्य की वृद्धि करते हैं धनहीनों को धन देते हैं विद्या हीनो को विद्या देते हैं संतान हींनो को संतान की प्राप्ति कराते हैं।
न्यू कैंट रोड गली नंबर आठ स्थित हनुमान गढ़ी के पुजारी पंडित गौरव दीक्षित ने कहा कि शिव पुराण के अनुसार जो भी इस मास में भगवान शिव की प्रसन्न चित होकर भक्ति युक्त से परिपूर्ण होकर तन और मन से भगवान शिव की जो पूजा अर्चना वंदना करते हैं। भगवान शिव उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं और अपनी छत्रछाया में उन्हें सदैव वास देते हैं।
उन्होंने कहा कि श्रावण मास के पांच सोमवार में भक्तगण अपने घर पर या मंदिर में शिवलिग के पास देसी घी का दीपक जलाएं। भगवान शिव का महामंत्र, ओम नम: शिवाय का मानसिक जाप करते रहें, या महामृत्युंजय का जप करते रहें। शिवलिग पर बेलपत्र भांग धतूरा पुष्प इत्यादि चढ़ाने से भोलेनाथ अति प्रसन्न होते हैं। घिसा हुआ चंदन भगवान शिव को अतिप्रिय है।