तेल के दाम बढ़ने का असर बाजार में दिखाई देने लगा

लगातार बढ़ रही पेट्रोल-डीजल की कीमतों से महंगाई अपने चरम पर है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 05:30 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 05:30 PM (IST)
तेल के दाम बढ़ने का असर बाजार में दिखाई देने लगा
तेल के दाम बढ़ने का असर बाजार में दिखाई देने लगा

प्रदीप गर्ग, (गोलेवाला) फरीदकोट :

लगातार बढ़ रही पेट्रोल-डीजल की कीमतों से महंगाई अपने चरम पर है, आए दिन बढ़ रही पेट्रोल-डीजल की कीमतों के कारण त्योहारों के सीजन में खरीदारी कर रहे ग्राहकों पर महंगाई की मार पड़ रही है। आज जरूरत के सामानों के अलावा कपड़ा बाजार, इलेक्ट्रॉनिक सामान, आटोमोबाइल्स के क्षेत्र में भी महंगाई का असर देखने को मिल रहा है। रोजमर्रा की वस्तुओं के भाव तो आसमान को छू रहे हैं, फल और सब्जियों पर भी महंगाई की दुगनी मार पड़ रही है। महंगाई के कारण त्योहारों की रौनक फीकी पड़ती जा रही है, महंगाई की बात करें तो सरसों का तेल, रिफाइंड तेल, आटा, मैदा, बेसन, घी, वनस्पति तेल, दालों के दामों में तेजी का दौर जारी है।

एक थोक सब्जी विक्रेता बिट्टू से सब्जियों के भाव के बारे में बात की गई, तो उन्होंने बताया इस समय सब्जियों के भाव काफी महंगे हैं, जिसमें मटर 100 किलो, गोभी 50 किलो, टमाटर 40 से 45 रुपये किलो, अदरक 40 रुपये किलो, हरी मिर्च 40 से 45 रुपये किलो, गाजर 65 रुपये किलो, शिमला मिर्च 90 रुपये किलो, प्याज 40 से 45 रुपये किलो और भी कई सब्जियों के दामों में काफी बढ़ोतरी हुई है, इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण पेट्रोल, डीजल के बढ़ते भाव हैं, जिससे ट्रांसपोर्टशन का खर्च बेहद बढ़ गया है।

वहीं, किराना थोक विक्रेता वीरेंद्र शाह जो कि फरीदकोट व्यापार मंडल के प्रधान भी हैं, ने बताया करियाना की मार्केट भी इस समय तेज है चना दाल को छोड़कर बाकी सभी दालें 100 रुपए पर किलो के करीब हैं, वही रिफाइंड 170 रुपये लीटर करीब है, सरसों का तेल भी डेढ़ सौ के करीब है, वनस्पति घी 140 से ?160 किलो, उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से चीनी में भी तेजी देखने को मिल रही है। केंद्र सरकार व राज्य सरकारों को इस ओर ध्यान देना होगा, महंगाई पर काबू पाने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। महंगाई होने के कारण इस समय व्यापार मंदी के दौर में जा रहा है।

गृहणी कुसुम सिगला का कहना है कि लगातार बढ़ती कीमतों ने घर बजट बिगाड़ कर रख दिया है, हर महीने राशन लेने पर पिछले महीने से अधिक बिल चुकाना पड़ता है।

अनीता बंसल का कहना है जब भी बाजार में खरीदारी करने जाओ तो बढ़े हुए भाव से ही खरीदनी पड़ती है, चाहे वह कपड़ा हो चाहे खाद्य पदार्थ चाहे कोई इलेक्ट्रॉनिक्स का समान ही क्यों ना खरीदना हो हर रोज बढ़ी हुई कीमतों के साथ ही खरीदना पड़ता है, जिससे घर के खर्चे संभालना मुश्किल हो गया है कई चीजें रसोई से गायब होती जा रही है, सब्जियों के दाम भी लगातार बढ़ रहे हैं।

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