मेडिकल नशे का तेजी से मजदूर वर्ग में बढ़ा चलन

प्रतिबंधित दवाओं का प्रयोग नशे के रूप में तेजी से बढ़ रहा है। सेहत विभाग जिन दवाओं को प्रतिबंधित होने के साथ आम लोगों की पहुंच से दूर बता रहा है वहीं नशे के रूप में मजदूर वर्ग को आसानी से मिल रही है। इसकी जमीनी हकीकत नशा छुड़ाओं केंद्रों पर उमड़ने वाली भीड़ को देखने से लग सकता है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 10:49 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 11:02 PM (IST)
मेडिकल नशे का तेजी से मजदूर वर्ग में बढ़ा चलन
मेडिकल नशे का तेजी से मजदूर वर्ग में बढ़ा चलन

जांस, फरीदकोट : प्रतिबंधित दवाओं का प्रयोग नशे के रूप में तेजी से बढ़ रहा है। सेहत विभाग जिन दवाओं को प्रतिबंधित होने के साथ आम लोगों की पहुंच से दूर बता रहा है, वहीं नशे के रूप में मजदूर वर्ग को आसानी से मिल रही है। इसकी जमीनी हकीकत नशा छुड़ाओं केंद्रों पर उमड़ने वाली भीड़ को देखने से लग सकता है। नशा छुड़ाओं केंद्र पर उपचार हेतु पहुंच रहे नशा पीड़ितों में से 50 फीसदी से ज्यादा प्रतिबंधित दवाओं का सेवन करने वाले है। मेडिकल नशा और नशे के सौदागरों का किस प्रकार से ग्राफ बढ़ रहा है, इसका अंदाजा पुलिस द्वारा दर्ज किए जाने वाले मुकदमों से लगाया जा सकता है। बुधवार को फरीदकोट जिले में नशे के दर्ज हुए छह मुकदमों में पांच मेडिकल नशे से संबधित है। इसमें 2250 प्रतिबंकिी गोलियां जिले के अलग-अलग हिस्सों से बरामद हुई। पुलिस द्वारा नशे के सौदागरों पर कार्यवाई तो की जा रही है, परंतु एक नशे के सौदागर के पकड़े जाने के बाद दूसरा तैयार हो जा रहा है, जिसका कारण मेडिकल नशे की डिमांड और मुनाफा कई गुना ज्यादा होना बताया जा रहा है।

मेडिकल स्टोरों की नियमित जांच हो रही

जिले के ड्रग इंस्पेक्टर हरजिदर सिंह ने बताया कि जिले के सभी मेडिकल स्टोरों की नियमित रूप से जांच करते है। उनकी जानकारी में जिले में ऐसा कोई मेडिकल स्टोर नहीं है जोकि मेडिकल नशे के रूप में प्रयोग होने वाली प्रतिबंधित दवाओं को खरीदता व बेचता हो। ऐसे में बड़ा सवाल उठ रहा है कि जब सेहत विभाग दावा कर रहा है कि जिले के किसी मेडिकल स्टोर पर प्रतिबंधित दवाएं नहीं बिक रही है तो खास को छोड़ों, मजदूर वर्ग तक इसकी पहुंच कैसे हो रही है। इसका जबाव सेहत विभाग के पास नहीं है। वह कह रहे है कि पुलिस को जांच करनी चाहिए कि कहां से मेडिकल नशा आ रहा है।

मेडिकल नशे का प्रयोग चिंताजनक

फरीदकोट सिविल अस्पताल के एसएमओ डाक्टर चंद्रशेखर कक्कड़ ने बताया कि प्रतिबंधित दवाओं का मेडिकल नशे के रूप में प्रयोग होना निश्चित रूप से चिंताजनक है। उनके अस्पताल के नशा छुड़ाओं केन्द्र पर जो लोग नशा छोड़ने के लिए आ रहे है, उसमें सबसे ज्यादा संख्या मेडिकल नशे का सेवन करने वालों की है, जोकि निश्चित रूप से चिताजनक है। केन्द्र पर डाक्टर व स्टाफ पूरी तरह से नशे में डूबे लोगों की काउंसलिंग कर उन्हें ठीक करने का काम कर रहे है।

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