कोरोना संक्रमित की मौत पर राजस्थान ने नहीं दी शव गांव लाने की अनुमति, फरीदकोट में हुआ संस्कार

राजस्थान के श्रीगंगानगर निवासी व्यक्ति की कोरोना से पंजाब में मौत हो गई। परिवार अंतिम संस्कार गांव में करना चाहता था लेकिन राजस्थान ने वहां शव लाने की अनुमति नहीं दी।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sun, 09 Aug 2020 01:47 PM (IST) Updated:Sun, 09 Aug 2020 01:47 PM (IST)
कोरोना संक्रमित की मौत पर राजस्थान ने नहीं दी शव गांव लाने की अनुमति, फरीदकोट में हुआ संस्कार
कोरोना संक्रमित की मौत पर राजस्थान ने नहीं दी शव गांव लाने की अनुमति, फरीदकोट में हुआ संस्कार

जेएनएन, फरीदकोट। राजस्थान के श्रीगंगानगर निवासी एक 65 वर्षीय व्यक्ति की फरीदकोट स्थित श्री गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कालेज व अस्पताल में मौत हो गई। परिवार चाहता था कि शव का अंतिम संस्कार उनके गांव के घाट पर हो, लेकिन 40 घंटे की मशक्कत के बाद भी श्री गंगानगर प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी। बाद में, फरीदकोट प्रशासन से उन्होंने यहीं शव के अंतिम संस्कार की अनुमति मांगी।

राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के करनपुर तहसील, गांव रूपनगर निवासी 65 वर्षीय जगरूप सिंह पुत्र बलदेव सिंह के कोरोना संक्रमित पाए जाने पर 4 अगस्त को गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कालेज व अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में दाखिल करवाया गया था। यहांं उनकी 7 अगस्त की सुबह तड़के दो से तीन बजे के मध्य उपचार के दौरान मौत हो गई।

मृतक के भाई रणदीप सिंह ने बताया कि उनके बड़े भाई की कोरोना के कारण मौत हुई। वह लोग 7 अगस्त की सुबह से ही श्रीगंगानगर के अधिकारियों से शव गांव लाने की अनुमति मांगते रहे। पहले दिन तो उन लोगों को दिनभर वहां के अधिकारी यह नहीं बता पाए कि उन्हें इसकी इजाजत कहां से मिलेगी। आठ अगस्त की दोपहर वह लोग अपने तहसील के तहसीलदार से संपर्क करने में सफल रहे। तहसील प्रशासन ने कहा कि वह शव को गांव नहीं ला सकते। गांव में कोरोना संक्रमित व्यक्ति के शव के अंतिम संस्कार की इजाजत नहीं दी जाएगी। इसके बाद उन लोगों ने और प्रयास किया, परंतु नाकाम रहे। फिर फरीदकोट प्रशासन से यहीं पर अंतिम संस्कार करवाए जाने की गुहार लगाई, जिसके बाद अब संस्कार हुआ है।

कोरोना संक्रमित मृतक परिवार की मदद के लिए समाजसेवी प्रवीण काला, अशोक भटनागर व अन्य लाेग आगे आए और सभी प्रबंध कर शव का अंतिम संस्कार रामबाग श्मशानघाट में करवाया गया। अशोक भटनागर ने बताया कि शव के अंतिम संस्कार केे लिए उन्होंने खुद भी पीपीई किट पहनी और मृतक के दोनों बेटे हरप्रीत सिंह व बलप्रीत सिंह ने भी पीपीई किट पहनकर अंतिम संस्कार किया। इस दौरान जिला प्रशासन व सेहत विभाग के अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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