पांच साल बीते लेकिन शुरू नहीं हुए विकास कार्य

फौजी रोड के पूर्व पार्षद भारत भूषण शर्मा ने कहा कि इलाके के मौजूदा पार्षद ने विकास की तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 10 Dec 2019 04:22 PM (IST) Updated:Tue, 10 Dec 2019 04:22 PM (IST)
पांच साल बीते लेकिन शुरू नहीं हुए विकास कार्य
पांच साल बीते लेकिन शुरू नहीं हुए विकास कार्य

संवाद सहयोगी, कोटकपूरा

फौजी रोड के पूर्व पार्षद भारत भूषण शर्मा ने मंगलवार को कुछ अन्य दुकानदारों की मौजूदगी में बदहाल फौजी रोड के संबंध में कहा कि इलाके के पार्षद ने विकास की तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया है।

पांच साल में कितना बदला हमार वार्ड अभियान के दौरान एक बात खुलकर सामने आई कि कोटकपूरा में कई ऐसी बस्तियां व हिस्से हैं, जिनमें मजदूर और अनुसूचित वर्ग के लोग रहते हैं। इन जरूरतमंद लोगों तक केंद्र और राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं का पहुंचना बेहद जरूरी है, लेकिन यह योजनाएं इन तक पहुंच नहीं रही हैं। इन बस्तियों के नजदीक खुले सुविधा केंद्र बंद पड़े हैं।

इस कारण इन लोगों को आधार कार्ड, वोटर कार्ड तथा अन्य लाभपात्री स्कीमों के फार्म भरने और आयुष्मान योजना के कार्ड आदि बनवाने में परेशानी आ रहे हैं। इस कारण केंद्र सरकार द्धारा शुरू की गई अनेक कल्याणकारी योजनाओं के बावजूद इनका जीवन सुविधाजनक नहीं हो पा रहा है। पूर्व अकाली-भाजपा सरकार ने इन समस्याओं को समझकर प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार और जनता को घर के पास ही सुविधा देने के लिए सेवा केंद्र खोलने की योजना नवंबर 2014 में बनाई थी, जो अब बंद हो गई है। इनमें हैसियत प्रमाण पत्र, जमीन की फर्द, जमाबंदी, मूल निवास, जाति प्रमाण, जन्म प्रमाण पत्र, विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र, असला लाइसेंस, पासपोर्ट आवेदन, आधार कार्ड, टेलीफोन बिल जमा करने आदि की अलग अलग सेवाएं दी जाती थी।

कोटकपूरा के गुरु तेगबहादुर नगर की रहने वाली दलित महिला मनदीप कौर के तीनों बच्चों का आधार कार्ड अभी तक नहीं बन सका है। सुविधा केंद्र जो डेरा सच्चा सौदा के सामने पार्क में था बंद पड़ा है। बैंक और डाकघर जहां पर आधार कार्ड बनता है इसके घर से काफी दूर है। वहां पर लंबी लाइन के चलते कई बार आधार कार्ड बनने में दो दिन भी लग जाते हैं। दूषित पेयजल के मिलते, गरीबी के कारण पोषण की कमी के चलते बच्चे जल्द बीमार हो जाते हैं। तो प्राइवेट डॉक्टरों से महंगा ईलाज करवाना पड़ता है। इसकी वजह से काफी कर्ज भी चढ़ा हुआ है। जागरूकता की कमी के चलते प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का लाभ भी अभी तक नहीं मिला है।

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