ओट सेंटरों के बाहर नशा छोड़ने वालों की लगी लंबी कतारें

सरकार की तरफ से पंजाब में नशा खत्म करने की मंशा के साथ हर जिले में ओट सेंटरनशा मुक्ति केंद्र और पुर्नवास केंद्र खोले गए है

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 11:24 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 11:24 PM (IST)
ओट सेंटरों के बाहर नशा छोड़ने वालों की लगी लंबी कतारें
ओट सेंटरों के बाहर नशा छोड़ने वालों की लगी लंबी कतारें

देवानंद शर्मा, फरीदकोट

सरकार की तरफ से पंजाब में नशा खत्म करने की मंशा के साथ हर जिले में ओट सेंटर,नशा मुक्ति केंद्र और पुर्नवास केंद्र खोले गए हैं, जिससे किसी भी किस्म का नशा करने वाला व्यक्ति अगर नशा छोड़ना चाहता है, तो वह इन केंद्रों में आकर डाक्टरों की निगरानी और सलाह के साथ नशा छोड़ सकता है। और उनको नशा छोड़ने के लिए जो दवा दी जाती है, उसकी धीरे-धीरे मात्रा घटा नशा छुड़ाने में मदद मिलती है।

परन्तु इस पहलू की दूसरी तस्वीर जो देखने को मिल रहा है वह भी चिताजनक है। दवा रूपी डोज के लोग आदी हो जा रहे है, और वह इसे नशे के रूप में प्रयोग कर रहे है। एक दिन की नशा छोड़ने की दवा रूपी डोज के लिए नशा पीड़ित केन्द्रों के बाहर चार-चार घंटे खड़े रहने को मजबूर हो रहे है।

ऐसी ही तस्वीर शनिवार को फरीदकोट के पुर्नवास में देखने को मिली, जहां सुबह छह बजे से ही लंबी कतार में लोग दवा लेने के लिए लगी दिखाई दी। इस जगह पर पहुंचे गुरदत्त सिंह सेखों ने कहा कि सरकार दावा करती है, कि उसने पंजाब में नशों की कमर तोड़ दिया, परन्तु असली तस्वीर देखो तो नशों का नहीं बल्कि लोगों की कमर टूट गई है। नशा छोड़ने की जगह नशा करने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने सरकार से मांग की पीड़ितों को कम से कम एक-एक हफ्ते की इकट्ठी दवा दी जाए।

इस मौके ओट सेंटर में और दवा लेने पहुंचे मरीजों ने बताया कि वह कई-कई घंटे लाईनों में लगते हैं, फिर कहीं जाकर एक दिन की दवा मिलती है। उन्होंने कहा कि वह नशा छुड़ाओ केन्द्रों से मिलने वाली दवा के इतने आदी हो चुके हैं कि यदि वह यह दवा नहीं खाते तो उन का उठना भी मुश्किल हो जाता है। पीड़ितों ने बताया कि डाक्टरों की तरफ से कभी भी उनको कोई सलाह नहीं दी जाती, बस दवा दे कर भेज दिया जाता है। उनकी मांग है कि हमें कम से कम एक-एक हफ्ते की दवा दी जाए, जिससे रोजमर्रा की परेशानी न होने के साथ वह दिहाड़ी कर सके।

पुर्नवास केंद्र के काउंसलिग इंचार्ज गुरसाहब सिंह ने बताया कि डाक्टरों की हड़ताल के चलते इन मरीजों को सिर्फ एक दिन की दवा दी जा रही है, क्योंकि इसकी अलग-अलग पोर्टल पर इसकी जानकारी अपलोड की जाती है, लेकिन डाक्टरों की हड़ताल के चलते यह दिक्कत आ रही है। इसलिए हम ज्यादा दिन की दव नहीं दे सकते हैं।

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