मनरेगा मजदूरों ने परेशानियों को लेकर किया प्रदर्शन

गांव रामगढ़ (भक्तुआना ) में मनरेगा मजदूरों ने एकत्र हो कर कम काम मिलने पर रोष प्रकट किया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 10:36 PM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 10:36 PM (IST)
मनरेगा मजदूरों ने परेशानियों को लेकर किया प्रदर्शन
मनरेगा मजदूरों ने परेशानियों को लेकर किया प्रदर्शन

संवाद सूत्र, जैतो : गांव रामगढ़ (भक्तुआना ) में मनरेगा मजदूरों ने एकत्र हो कर कम काम मिलने पर रोष प्रकट किया है। मनरेगा मजदूर पुरुष व महिलाओं का कहना है कि उन को जब भी काम दिया जाता है तो चार से पांच दिन का ही दिया जाता है, जो कि बहुत कम है। कहीं भी स्थाई काम नहीं मिलता। बहुत कामगारों ने आरोप लगाया कि उन को कई बार किये काम के पैसे भी नहीं मिले। उन्होंने यह भी मांग की है कि मनरेगा के काम समय हाजरी सचिव ही लगाये। गांव के समाज सेवी डाक्टर गुरचरन ने कहा कि मनरेगा मजदूरों का कई बार उक्त मांगों से संबंधित बार-बार एतराज उठता रहता है। जबकि मनरेगा मजदूरों को सौ दिन का काम पांच बार बीस-बीस दिनों का दिया जाये। उन्होंने बीडीपीओ ब्लाक जैतो और जिला सिविल प्रशासन से माग की कि मनरेगा मजदूरों की हाजिरी उन के जाब कार्ड पर लगाई जाये और सचिव द्वारा निर्धारित एक व्यक्ति ही हाजिरी लगाये जिससे काम और हाजरी में कोई परेशानी न हो, काम की हाजरी मजदूरों के वाट्सएप्प ग्रुप पर डाली जाये।

किसानों का समर्थन करने के लिए कनाडा से आए लोग

दोदा (श्री मुक्तसर साहिब): केंद्र सरकार की तरफ से लगाए गए किसानों पर खेती कानूनों का हर जगह पर विरोध किया जा रहा है। जिसके चलते किसानों के समर्थन में तथा केंद्र सरकार के खिलाफ जिले के कनाडा में रहे लोग टोरंटो में हरमन गिल की अगुआई में रोष प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। हरमन कौर गिल ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार किसानों को कुचलने की नीति पर चल रही है और कार्पोरेट घरानों के पक्ष में फैसले ले रही है। उन्होंने कहा कि इन खेती कानूनों को रद करवाने के लिए बीते लगभग तीन माह से किसान सड़कों पर बैठे है, लेकिन सरकार टस से मस नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि ऐसी सरकार का क्या फायदा उन्होंने कहा कि सरकार कह रही है कि उन्होंने खेती कानून किसानों के फायदे के लिए बनाये है, अगर किसानों को यह कानून मंजूर नहीं है तो ऐसे कानूनों का क्या फायदा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इन कानूनों के जरिए अपना स्वार्थ सिद्ध करना चाहती है। इसी लिए इन कानूनों को रद्द नहीं कर रही है। उन्होंने सरकार की किसानों पर झूठे मामले दर्ज करने की भी निदा की है। उन्होंने कहा कि सरकार को समझना चाहिए कि अगर किसान ही नहीं रहेगा तो देश खाएगा क्या।

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