चौपाईयां व भजनों से किया श्री हनुमान जी की महिमा का गुणगान

दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की तरफ से स्थानीय प्रेम नगर स्थित श्री दुर्गा शक्ति मंदिर में श्री हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय सुंदर कांड प्रसंग का आयोजन किया गया जिसमें साध्वी बहनों ने सुमधुर चौपाईयां व भजनों के साथ श्री हनुमान जी की महिमा का गुणगान किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 19 Apr 2019 04:09 PM (IST) Updated:Fri, 19 Apr 2019 06:12 PM (IST)
चौपाईयां व भजनों से किया श्री हनुमान जी की महिमा का गुणगान
चौपाईयां व भजनों से किया श्री हनुमान जी की महिमा का गुणगान

जागरण संवाददाता, कोटकपूरा

दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की तरफ से प्रेम नगर स्थित श्री दुर्गा शक्ति मंदिर में श्री हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय सुंदर कांड प्रसंग का आयोजन किया गया। इसमें साध्वी बहनों ने सुमधुर चौपाईयों व भजनों के साथ श्री हनुमान जी की महिमा का गुणगान किया गया।

सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सुश्री रीतू भारती ने कहा कि भगवान हनुमान जी को विभिन्न नामों से जाना जाता है। प्रत्येक नाम का अपना अर्थ है। हनु और मान का भाव है कि जिसने अपने अभिमान का हनन कर दिया है वह मान है। महावीर जो वीरों के वीर है वो महावीर। बजरंग बली, जिसकी भुजाओं में बल है। पवनसुत, जिसकी गति में पवन जैसा वेग है वो है पवनसुत।

श्री हनुमान जी ने बाल्यकाल में ही बहुत सारे ऋषियों व देवी देवताओं से शक्तियां और वरदान प्राप्त किए और इन्हीं का प्रयोग उन्होंने प्रभु श्री राम जी के साथ मिलकर धर्म की स्थापना के लिए किया। साध्वी जी ने कहा कि हनुमान जी को पंचमुखी भी कहा जाता है क्योंकि इनके पांच मुखों का वर्णन इतिहास में आता है।। ये पांच मुख एक भक्त के पांच गुणों को दर्शाते हैं। और ये पांच गुण हैं सत्य, धर्म, शील, संतोष व दया। साध्वी जी ने कहा कि मानव में जब ऐसे गुण आ जाएंगे तभी हम वास्तव में हम प्रभु श्री राम के भक्त बन पाएंगे। ये गुण मात्र बाहरी कर्मकांड करने से नहीं बल्कि ईश्वर को जानने के पश्चात ही मानव के भीतर आते है। इस समागम का समापन श्री हनुमान चालीसा और पावन पुनीत आरती के माध्यम से किया गया।

कार्यक्रम में प्रधान रेणू छाबड़ा, खजांची वंदना गर्ग, चेयरमैन सुनीता गर्ग व अन्य सदस्यों का विशेष सहयोग रहा।

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