साधना के लिए मन का श्रद्धा से सराबोर होना जरूरी
स्वामी कमलानंद गिरि ने कहा कि पृथ्वी में कोई राज करता हो और तीनों लोकों में उसका सुन्दर प्रभाव पड़े ये प्रताप सिर्फ भगवान श्री राम चंद्र जी में ही हो सकता है
संवाद सहयोगी, फरीदकोट :
श्री कल्याण कमल आश्रम हरिद्वार के अनंत श्री विभूषित 1008 महामंडलेश्वर स्वामी कमलानंद गिरि ने कहा कि पृथ्वी में कोई राज करता हो और तीनों लोकों में उसका सुन्दर प्रभाव पड़े ये प्रताप सिर्फ भगवान श्री राम चंद्र जी में ही हो सकता है। भगवान श्री राम के शासन में पृथ्वी से लेकर स्वर्ग तक सभी प्रसन्न रहते थे। अवध के श्री राम और मथुरा के श्री कृष्ण से हमको इतना लाभ नहीं मिलेगा, जितना लाभ अपने हृदय को ही अयोध्या और मथुरा बनाकर उसमें निरन्तर श्री राम और श्री कृष्ण के दर्शन करने से मिलेगा।
स्वामी कमलानंद ने यह बात रोज एनक्लेव स्थित श्री महामृत्युंजय महादेव मंदिर में श्री कल्याण कमल सत्संग समिति की ओर से आयोजित श्री राम चरित मानस के उत्तरकांड की कथा के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि भगवान जब देते हैं तो भक्त को चारों हाथों से लुटाते हैं और जब भगवान भक्तों की परीक्षा लेते हैं तो दीन-हीन बनकर द्वार पर आकर याचना करते हैं। उस वक्त भगवान के दिए पदार्थों में से व्यक्ति उदारता से भिक्षा नहीं देता है तो भगवान नाराज होते हैं। उन्होंने कहा कि किसी को कुछ न भी दे सके तो चलेगा, पर किसी का अपमान हो ऐसा व्यवहार कभी करना नहीं चाहिए।
कमलानंद ने कहा कि बुद्धि जब तक सात्विक श्रद्धा से सराबोर नहीं होती तब तक मन साधना में नहीं लगता। समय मिले तो तीर्थों में जाकर अच्छे और सच्चे संत की संगति करके मन को सात्विक बनाना चाहिए। अनुष्ठान करने के लिए स्थान भी धार्मिक हो तो ही फल मिलता है। भक्ति करने के लिए भक्ति का ही वायुमंडल होना चाहिए। इसीलिए हर साल कुछ समय निकालकर तीर्थ जाते रहना चाहिए।
श्री राम नाम की महिमा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि श्री राम नाम की महिमा अपरंपार है। जो भक्त सच्चे मन से महज राम नाम जपता है उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। श्री राम जी की भक्ति करने वाले भक्त पर वीर बजरंगबली की कृपा हमेशा बनी रहती है। इस मौके बड़ी गिनती में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर प्रभु श्री राम चंद्र व वीर बजरंग बली की कृपा रूपी आशीर्वाद प्राप्त किया। मंदिर प्रांगण प्रभु श्री राम चंद्र व वीर हनुमान जी के जयकारों से गूंज उठा।