रणनीतिकरों की योजना फेल, बदलाव नहीं हुआ तो ऐसे ही डूबता रहेगा शहर

सवा घंटे में हुई 98.4 मिलीमीटर झमाझम बारिश ने फरीदकोट में पानी जमा हो गया

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 09:58 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 09:58 PM (IST)
रणनीतिकरों की योजना फेल, बदलाव नहीं हुआ तो ऐसे ही डूबता रहेगा शहर
रणनीतिकरों की योजना फेल, बदलाव नहीं हुआ तो ऐसे ही डूबता रहेगा शहर

प्रदीप कुमार सिंह, फरीदकोट :

सवा घंटे में हुई 98.4 मिलीमीटर झमाझम बारिश ने फरीदकोट शहर के विकास की योजना बनाने वाले योजनाकारों की रणनीति को फेल साबित कर दिया। शहर के बारिश के पानी की निकासी के लिए योजनकारों द्वारा जो योजना बनाकर अमल में लाई जा रही है, वह नाकाफी साबित हुई, और बारिश का पानी जहां पिछले कई सालों में नहीं भरा वहां जैसे सिविल सर्जन की कोठी, सिविल अस्पताल, रेस्ट हाऊस परिसर व रेस्ट हाऊस पार्क, आंदियाना गऊशाला आदि हिस्सों में एक से तीन फुट तक भर गया।

हालांकि, ऐसा नहीं है कि बारिश होने पर फरीदकोट शहर का पानी कन्हैया चौक, घंटाघर व नेहरू मार्केट आदि स्थलों पर पहले न भरता रहा हो, परंतु इसी समस्या से लोगों को निजात दिलाने के लिए फरीदकोट के विकास कार्यो हेतु योजना बनाने वाले योजनाकारों ने करोड़ों रुपये की लागत से बारिश के पानी की निकासी हेतु बने रियासती नाले को कवर करके वहां अंडरग्राउंड पाईप लाईन डाली, नाले की जगह पाईप लाईन से पानी की निकासी भलीभांति नहीं हो पा रही है, जिसका कारण पाईप की क्षमता कम होना है। ऐसे में जब सवा घंटे की बारिश में यह हाल फरीदकोट शहर का हो गया, तो यदि यह बारिश कुछ और घंटे हो या फिर दिन भर होगी तो क्या हाल होगा।

फरीदकोट नगर कौंसिल के ईओ अमृत लाल का तर्क है कि अभी पाईप लाईन डालने का काम चल रहा है, जिससे नाला निकासी बंद है, परंतु जब उन्हें अवगत करवाया गय कि पाईप लाईन से पानी कि निकासी हो रही है, परंतु उसकी क्षमता शहर के पानी निकासी के अनुकूल कम होने के कारण यह दिक्कत आई है, तब उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट सीवरेज बोर्ड द्वारा तैयार किया गया है, फिर भी वह एक बार जरूर चेक करवाते है कि दिक्कत कहां आ रही है, जिससे पानी की समुचित निकासी नहीं हो रही है।

यह हो सकते है समाधान

- कवर किए गए नाले में बिछाई गई पाईप लाईन के सामांतर एक और पाईप लाईन कम से कम उसी क्षमता की बिछाई जाए,

- तांगा शेड़ से नाले को ओपन किया, क्योंकि यहां पर शहर के एक तिहाई हिस्से का पानी आकर नाले में मिलता है।

- बड़ी क्षमता के वाटर पंप पाइप लाइन के साथ जोड़कर चलाए जाए।

-नाले को कवर करने के बाद जो जगह निकली है, उस पर कोई कब्जा न हो, ताकि जरूरत पड़ने पर नाले को दोबारा खोला जा सके।

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