भाकियू ने जैतो-मुक्तसर रोड पर चक्का जाम कर किया प्रदर्शन

भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर पंजाब द्वारा पराली जलाने वाले किसानों पर दर्ज पुलिस केस वापस लेने

By JagranEdited By: Publish:Fri, 29 Nov 2019 12:22 AM (IST) Updated:Fri, 29 Nov 2019 06:11 AM (IST)
भाकियू ने जैतो-मुक्तसर रोड पर चक्का जाम कर किया प्रदर्शन
भाकियू ने जैतो-मुक्तसर रोड पर चक्का जाम कर किया प्रदर्शन

संवाद सहयोगी, जैतो (फरीदकोट) भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर पंजाब द्वारा पराली जलाने वाले किसानों पर दर्ज पुलिस केस वापस लेने, जमीन रिकार्ड में रेड एंट्री हटाने व प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के जुर्माना रद करने की मांग पर 21 दिनों से जैतो में बेमियादी धरना लगाया है।

भाकियू ने वीरवार को जैतो रेलवे स्टेशन पर बेमियादी धरना शुरू करने की घोषणा की थी और जैसे ही भाकियू के कार्यकर्ताओं ने रेलवे स्टेशन की तरफ बढ़ना चाहा तो पहले से ही किए इंतजाम के चलते पुलिस प्रशासन ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। इसके बाद भाकियू ने जैतो-मुक्तसर रोड पर चक्का जाम करते हुए बेमियादी रोष धरना शुरू कर दिया है। किसानों के धरने के मद्देनजर डिप्टी कमिश्नर कुमार सौरभ राज समेत जिले के आला प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए और भाकियू पदाधिकारियों के साथ एसडीएम दफ्तर में बैठक करके उन्हें मनाने का प्रयास किया जा रहा है।

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए भाकियू एकता सिद्धूपुर के प्रांतीय प्रधान जगजीत सिंह डल्लेवाला ने कहा कि किसानों को पराली जलाने का कोई शौक नहीं, बल्कि मजबूरी है, क्योंकि सरकार द्वारा किसानों को कोई सुविधा प्रदान नहीं की जा रही और ना ही फसलों के उचित दाम दिए जा रहे हैं।

सरकार की नीतियों के कारण किसान बुरी तरह से कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं और ऐसे हालत में उन्हें पराली को जमीन में जोतने पर खर्च करने को मजबूर करना ठीक नहीं है। इस मौके पर भाकियू ने अपनी मांगों दोहराते हुए धान पर घोषित 200 रुपये प्रति क्विटल का बोनस बासमती वाले किसानों को अदा करने की मांग रखी और एलान किया कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, वह धरने से नहीं उठेगें। इस अवसर पर प्रांतीय नेता मेहर सिंहथेड़ी, मान सिंह राजपुरा, जसवीर सिंह सिद्धूपुर, जिला प्रधान फरीदकोट बोहड़ सिंह रूपयांवाला, जिला प्रधान मुक्तसर सुखदेव सिंह बुड़ा गुज्जर,फतेह सिंह फिरोजपुर, गुरमीत सिंह, प्रगट सिंह फाजिल्का, रूप सिंह बरनाला,बलदेव सिंह बठिडा, मलूक सिंह मानसा, सुरजीत सिंह संगरूर, गुरबख्श सिंहपटियाला, गुरमीत सिंह फतेहगढ़ साहिब, राजिदर सिंह मोहाली ने भी विचार रखे।

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