हाईवे पर किसान, बंद रहे शहर और बाजार
कृषि विधेयक को किसान विरोधी बताते हुए किसान संगठनों ने रोष धरना दिया।
जागरण संवाददाता, फरीदकोट
कृषि विधेयक को किसान विरोधी बताते हुए किसान संगठनों के बैनर तले जिले के किसानों द्वारा नेशनल व स्टेट हाइवे पर धरना देकर अपना विरोध दर्ज कराया गया। किसानों के इस विरोध-प्रदर्शन को कांग्रेस व आम आदमी पार्टी का भी समर्थन रहा। किसान हितैषी पार्टी होने का दावा करने वाली शिअद बादल द्वारा जिले के तीनों विधानसभाओं में किसान संगठनों से इत्तर विधेयक के विरोध में किसानों व वर्करों के साथ धरना-प्रदर्शन किया गया।
किसान संगठनों को राजनीतिक दलों का समर्थन मिलने के साथ ही जिले के दूसरी यूनियनों का भी व्यापक समर्थन मिला। किसान संगठनों द्वारा पिछले सप्ताह भर से जिले के शहरों में दुकानदारों व व्यापारिक प्रतिष्ठानों से बंद में शामिल हेतु किए गए आवाहन का भी व्यापक असर दिखाई पड़ा। जिले के सभी शहर, कस्बे मुक्कमल रूप से बंद रहे। हालांकि बंद में सरकारी प्रतिष्ठान व दफ्तर बाहर रहे, परंतु वहां के स्टाफ द्वारा बंद को समर्थन दिए जाने के कारण दफ्तरों में सन्नाटा पसरा रहा।
किसान संगठनों का फरीदकोट जिले में मुख्य धरना अमृतसर-बठिडा हाइवे पर स्थित टैहना गांव के पास लगा। किसानों द्वारा हाइवे पर सुबह ही टेंट लगा कर आवागमन बंद कर दिया गया, धरना दिन में दस बजे शुरु हुआ जो कि चार बजे तक चला। धरने को किसान नेता विदर सिंह गोलेवाला, कीर्ति किसान यूनियन के उप प्रधान राजिदर सिंह, बोहण सिंह रूपयावाला, जगदीश सिंह डल्लेवाला, गुरमीत सिंह गोलेवाला, शविदर सिंह आदि ने संबोधित करते हुए केन्द्र सरकार द्वारा पारित किए गए विधेयक को किसान विरोधी बताया और कहा कि इससे पंजाब और हरियाणा किसानी बर्बाद हो जाएगी। राजिदर सिंह ने कहा कि केन्द्र किसानी को बड़े-बड़े व्यापारियों को ठेके पर देकर किसानों को भिखारी बना देगी, एमएसपी खत्म होने पर व्यापारी अपनी सुविधा अनुसार रेट निर्धारित करेंगे जिस रेट पर किसान मिट्टी के भाव अपनी फसल बेंचने के लिए मजबूर होंगे।
उक्त धरने के अलावा किसान संगठनों द्वारा सादिक, कोटकपूरा, जैतो व अन्य शहरों व कस्बों में भी धरना लगाकर विरोध-प्रदर्शन किया गया।