धार्मिक से ज्यादा राजनीतिक अखाड़ा बनने लगा बेअदबी व गोलीकांड

विगत विधानसभा चुनाव की भांति इस बार भी 2015 में घटित बेअदबी ओर गोलीकांड राजनीतिक मुद्दा रहेगा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 07:02 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 07:02 PM (IST)
धार्मिक से ज्यादा राजनीतिक अखाड़ा बनने लगा बेअदबी व गोलीकांड
धार्मिक से ज्यादा राजनीतिक अखाड़ा बनने लगा बेअदबी व गोलीकांड

प्रदीप कुमार सिंह, फरीदकोट

विगत विधानसभा चुनाव की भांति इस बार भी 2015 में घटित हुए बरगाड़ी बेअदबी कांड व उससे जुड़े कोटकपूरा व बहिबल कला गोलीकांड चुनाव का अहम मुद्दा अभी से बनने लगा है। राजनीति दलों के बड़े नेता प्रदेश भर में बेअदबी व गोलीकांड को धार्मिक से कहीं ज्यादा राजनीतिक रंगत देने में लग गए हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की चुनावी नैया पार लगाने में यह मुद्दा अहम साबित हुआ था, शायद इस बार भी यह मुद्दा अहम रहेगा।

प्रदेश के राजनीतिक दलों के लिए इस मुद्दे की अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश की सत्तासीन कांग्रेस और मुख्य विपक्षी आम आदमी पार्टी द्वारा मुद्दे को समयानुसार उठाया जाता रहा है। मुद्दे पर, अपने को घिरा देख शिअद द्वारा अपने तरीके से अपना बचाव किया जा जा रहा है।

एक जून 2015 को बरगाड़ी के पास गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला में श्री गुरुग्रंथ साहिब के पावन स्वरूपों की बेअदबी की गई थी। बैसाखी पर्व पर मंगलवार को प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू जिस प्रकार से अचानक गुरूद्वारा साहिब में आकर नतमस्तक हुए, ग्रामीणों से बेअदबी कांड और गोलीकांड की जांच पर सवाल उठाते हुए अपने फेसबुक एकांट पर कई फोटो पोस्ट की, उससे देखकर सहजता से अंदाजा लगाया जा सकता है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में उक्त मुद्दा अहम रहने वाला है।

इसके अलावा कोटकपूरा में एसआइटी की जांच खारिज करने के विरोध स्वरूप जो धरना मंगलवार को कोटकपूरा बत्ती वाले उस चौक पर लगाया गया, जहां पर साढ़े पांच साल पहले 14 अक्टूबर 2015 को शांतिपूर्ण सिख संगत पर पुलिस द्वारा गोलीबारी की गई थी। इस धरने में पीड़ितों के साथ विभिन्न संगठनों ने तो अपनी उपस्थित दर्ज तो कराई ही, साथ में आम आदमी पार्टी ने भी अपनी पूरी उपस्थित दर्शाई। धरने में शामिल होने की घोषणा पार्टी प्रदेश प्रधान भगवंत मान द्वारा भी की गई थी, परंतु वह किन्ही कारणों से नहीं पहुंच सके। हालांकि धरने में पार्टी के कोटकपूरा व जैतो के विधायकों के साथ ही पूर्व सांसद साधू सिंह व जिले के अन्य नेता उपस्थित रहे।

हाईकोर्ट द्वारा जब से कोटकपूरा गोलीकांड की जांच कर रही एसआइटी की जांच रिपोर्ट खारिज की गई है, तभी से ही आप द्वारा कांग्रेस व शिअद पर फ्रेंडली मैच खेलने का आरोप लगाया जा रहा है। कोटकपूरा के विधायक कुलतार सिंह संधवा ने कहा कि कांग्रेस ने आरोपितों को बचाने के लिए हाईकोर्ट में दलील अच्छे से नहीं दी, जिसके कारण जांच खारिज हुई है। उन्होंने कहा कि यह पंजाब सरकार के कारण ही हुआ है कि एक ईमानदार अफसर को शर्मिंदा होना पड़ा है, जबकि आरोपी अपने मंसूबे में सफल रहा है।

राजनीतिक दलों की फरीदकोट जिले में बढ़ती गतिविधियां संकेत दे रही है कि आने वाले समय में बरगाड़ी बेअदबी व गोलीकांड का मुद्दा धार्मिक से ज्यादा राजनीतिक रंगत पकड़ने वाला है।

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