एक घंटे हुई 24.4 एमएम बारिश, जल-थल हुआ शहर

प्री मानसून की रविवार सुबह हुई झमाझम बारिश में फरीदकोट को जलथल कर दिया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 03:26 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 03:27 PM (IST)
एक घंटे हुई 24.4 एमएम बारिश, जल-थल हुआ शहर
एक घंटे हुई 24.4 एमएम बारिश, जल-थल हुआ शहर

जागरण संवाददाता, फरीदकोट

प्री मानसून की रविवार सुबह हुई झमाझम बारिश में फरीदकोट शहर पूरी तरह से जलथल दिखाई दिया। बारिश होने से तापमान का तापमान नीचे लुढ़का, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिली। एक घंटे की बारिश में 24.4 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई।

रविवार को हुई बारिश जिले के सभी हिस्सों में हुई। बारिश होने से मौसम खुशनुमा हो गया। मौसम विभाग ने आने वाले 72 घंटों तक बारिश की संभावना व्यक्त की है। जलजमाव की स्थित फरीदकोट व कोटकपूरा दोनों शहरों में निकासी का समुचित प्रबंध न होने के कारण दिखाई पड़ी। फरीदकोट शहर में बारिश व सीवरेज के पानी के निकासी हेतु बने नाले को कवर अंडरलाइन पाइप बिछाने का काम चल रहा है, जिससे पानी की निकासी नहीं हो पाई और पानी शहर में जमा हो गया।बारिश के साथ सीवरेज का भी शहर की गलियों व सड़कों में फैलने से लोगों को आवागमन करने में ज्यादा परेशानी हुई।

प्री मानसून की यह बारिश पेड़-पौधों व किसानों के साथ ही आम लोगों के लिए भी राहत भरी है, तापमान कम होने से बिजली कट की समस्या से जूझ रहे लोगों को अब गर्मी से परेशान नहीं होना पड़ेगा। रविवार दोपहर को फरीदकोट का अधिकतम 29 डिग्री सेल्सियश दर्ज किया गया। इनसेट

बारिश से मिली राहत

फोटो-7,

संवाद सूत्र, गोलेवाला

बारिश से तापमान में आई गिरावट। कुछ दिनो से पड़ रही गर्मी से लोगों को राहत मिली। शनिवार शाम से ही तेज हवाएं चल रही थी व सारी रात चलती रही, रविवार सुबह चार बजे हल्की बूंदाबांदी के साथ बारीश की शुरुआत हुई, लेकिन फिर बंद हो गई, उसके बाद करीब साढ़े छह बजे फिर से तेज बारिश शुरु हो गई, जो करीब डेढ़ घंटे तक तेज हवाओं के साथ चलतीं रहीं, जिससे मौसम खुशनुमा हो गया लोगों को गर्मी से राहत मिलती दिखीं। वहीं इस बारीश से किसान भी खुश हैं, क्योंकि इस समय धान लगाने का काम चल रहा है। गांव पक्खी खुर्द के किसान सुखचैन सिंह नंबरदार का कहना है, कि कुछ दिनों से पड़ रही भयंकर गर्मी के कारण खेत पूरी तरह से सूख गए थे, जबकि इस बारिश से खेतों में पानी ठहराव हो गया है, जिससे धान लगाने में आसानी होगी वह धान लगाने वाले मजदूरों को गर्मी से राहत मिलेगी।

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