ठीक हो सकता है आटिज्म स्पेक्ट्रम डिसआर्डर : डा. सेठी

फरीद अकादमी आफ पीडियाट्रिक्स द्वारा पहला आनलाइन वेबिनार 10 अप्रैल को हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 05:52 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 05:52 PM (IST)
ठीक हो सकता है आटिज्म स्पेक्ट्रम डिसआर्डर : डा. सेठी
ठीक हो सकता है आटिज्म स्पेक्ट्रम डिसआर्डर : डा. सेठी

संवाद सूत्र, फरीदकोट

फरीद अकादमी आफ पीडियाट्रिक्स द्वारा पहला आनलाइन वेबिनार 10 अप्रैल को गुरु गोबिद सिंह मेडिकल अस्पताल व कालेज के पीडियाट्रिक्स विभाग द्वारा आटिज्म अवेयरनेस वीक के रूप मे मनाया गया। यह इंडियन एकेडमी आफ पीडियाट्रिक्स की स्थानीय शाखा फरीद अकादमी आफ पीडियाट्रिक्स द्वारा आयोजित किया गया था। यह वेबिनार अध्यक्ष डा. गुरमीत कौर सेठी के निर्देशन व सचिव डा. सीमा राय द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया। इस वेबिनार में मुख्य रूप से डाक्टरों मे आटिज्म स्पेक्ट्रम डिसआर्डर के बारे में जागरूकता पैदा करना व आत्म केंद्रित करके एक बच्चे को एप्रोच करना, शीघ्र निदान व हस्तक्षेप कर जल्दी लागू करना था। डा. लीना देशपांडे मुंबई व लुधियाना से डा. केएस मुल्तानी द्वारा न्यूरोडेवलपमेंट के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया।

डा. सीमा राय ने बताया कि आटिज्म स्पेक्ट्रम डिसआर्डर (एएसडी) एक व्यापक शब्द है, जिसका उपयोग न्यूरो डवलपमेंटल विकारों के एक समूह का वर्णन करने के लिए किया जाता है। ये विकार संचार व सामाजिक संपर्क के साथ समस्याओं की विशेषता है। एएसडी वाले लोग अक्सर प्रतिबंधित, दोहराव और रूढि़बद्ध हितों या व्यवहार के पैटर्न का प्रदर्शन करते हैं। एएसडी नस्ल, संस्कृति व आर्थिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना दुनिया भर के लोगों में पाया जाता है। इसका इलाज संभव है। रोग नियंत्रण व रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, आटिज्म लड़कों में लड़कियों की तुलना में 4 से 1, पुरुष-से-महिला अनुपात के साथ अधिक बार होता है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में फरीदकोट, बठिडा, मोगा व फिरोजपुर के डाक्टरों ने भाग लिया।

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