शिअद कभी भी किसानों के विरोध में कुछ भी नहीं करेगी : हरसिमरत बादल

शिअद ने हमेशा पंजाब व पंजाबियत के भले और विकास के लिए काम किया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 04:32 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 04:32 PM (IST)
शिअद कभी भी किसानों के विरोध में कुछ भी नहीं करेगी : हरसिमरत बादल
शिअद कभी भी किसानों के विरोध में कुछ भी नहीं करेगी : हरसिमरत बादल

जागरण संवाददाता, फरीदकोट

शिअद ने हमेशा पंजाब व पंजाबियत के भले और विकास के लिए काम किया है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व में पंजाब का जो विकास हुआ। कांग्रेस के पास बताने को कुछ नहीं है। सत्ताधारी दल के विधायकों ने वहीं काम किया, जिसमें उनकी कमाई थी, इस सरकार ने लोगों से जो वादे किए थे, वह भी पूरे नहीं किए। उक्त बातें शिअद नेत्री व पूर्व कैबिनेट मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने फरीदकोट विधानसभा हलके से शिअद-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी व यूथ शिअद के प्रधान परमबंश सिंह बंटी रोमाणा के हक में जनसभाओं में प्रचार के क्रम में कही। उन्होंने शनविार को फरीदकोट शहर में आफिसर क्लब, बलबीर बस्ती, जैन स्कूल, कम्मेयाना चौक व डोगर बस्ती में जनसभाओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि शिअद किसानों की हितैषी पार्टी है। शिअद कभी भी पंजाब और पंजाब के किसानों के विरोध में कुछ भी नहीं करेगी।

उन्होंने फरीदकोट के विधायक कुशलदीप सिंह ढिल्लों को घेरते हुए कहा कि विकास के दावे केवल जबानी है, हकीकत यह है कि टूटी सड़कों पर लोगों का चलना मुश्किल हुआ पड़ा है, यहां तो वहीं काम हुए जिनमें कमाई हुई। उन्होंने कहा कि जब दो किलोवाट तक बिजली के बिल माफ पंजाब सरकार ने कर दिए हैं तो लोगों के फार्म क्यों भरवाए जा रहे हैं। इसी तरह से अन्य मुद्दों पर भी पंजाब सरकार की नाकामी गिनाई।

इस अवसर पर उनके साथ परमबंश सिंह बंटी रोमाणा, रिकू समाधावाला, विजय छावड़ा, सतीश ग्रोवर, विक्की एमसी, गुरकमल संधू, कुलभूषण राय बांसल, श्याम ताऊ आदि नेता उपस्थित रहे। फरीदकोट पहुंचने पर शिअद वर्करों की ओर से बादल का रैली निकाल कर स्वागत किया गया।

कृषि कानून पर शिअद का किसान संगठनों द्वारा अब तक विरोध किया जाता रहा है। हर उस जगह पर किसान संगठन के प्रतिनिधियों द्वारा शिअद के नेताओं को काले झंडे दिखाए जाते थे, जहां वह किसी समागम में भाग लेने के लिए जाते थे, शनिवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री हरसिमरत कौर के हो रही जनसभाओं का विरोध किसान संगठनों की ओर से नहीं किया गया, हालांकि सुरक्षा बल इस बात को लेकर पूरी तरह से चौकस दिखाई दिए और पांचों जनसभाओं के आसपास सुरक्षा के व्यापक प्रबंध थे।

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