मनुष्य के अंदर छिपी बुराइयों के रावण को खत्म करना जरूरी

दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से फरीदकोट रोड पर देव ब्रदर्स में धार्मिक समारोह करवाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 05:33 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 05:33 PM (IST)
मनुष्य के अंदर छिपी बुराइयों के रावण को खत्म करना जरूरी
मनुष्य के अंदर छिपी बुराइयों के रावण को खत्म करना जरूरी

संवाद सूत्र, कोटकपूरा

दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से फरीदकोट रोड पर देव ब्रदर्स में दशहरे के उपलक्ष्य में एक दिवसीय भजन संकीर्तन का आयोजन करवाया गया है। इस दौरान प्रवचनों की वर्षा करते हुए साध्वी रीतू भारती ने कहा कि भारत देश में अनेक पर्व एवं त्योहार मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष जब भी हम त्योहार एवं पर्व मनाते मनाते हैं तो इनके पीछे कोई न कोई आध्यात्मिक रहस्य छिपा होता है, जिस को जानकर हमें उसके पीछे छुपी सच्चाई का पता चलता है।

हम हर साल दशहरा मनाते हैं। जगह-जगह रावण का वध किया जाता, और इस लिए कहा भी जाता है कि इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी। जिसको हम विजयदशमी भी कहते हैं। पर अगर हम विचार करें कि रावण किस चीज का प्रतीक है और यही रावण हमारे मन में भी बैठा है। अर्थात रावण हमारे मन के विकारों, पाय, वासनाओं का प्रतीक है जो हमें अच्छे और सत्य के मार्ग की ओर अग्रसर नहीं होने देता। आज हम बाहरी तौर पर रावण को जला देते हैं और हमें लगता है बुराई खत्म हो गई पर वास्तविकता में क्या सच्च में रावण मर गया। मन का रावण तो अभी भी जिदा है। जो हमसे गलत कार्य करवाता है। जैसे हमने बाहरी रावण को तो जला दिया वैसे ही आवश्यकता है अन्त:करण वाले रावण को भी जलाने की और वह तभी जलेगा जब ब्रह्मज्ञान रूपी अग्नि हमारे भीतर में प्रकट होगी।

जब जीवन में पूर्ण सतगुरू का आगमन होगा, फिर वह हमारे अंदर परमात्मा का दर्शन करवा हमारी असली पहचान करवाते हैं। उसके बाद ही हम अपने मन पर, अपने विषय विकारों पर विजय पा सकते है। उसके बाद ही हमारा दशहरे का पर्व मनाने का सही मकसद पूर्ण होगा। अंत में साध्वी बहनों द्वारा सुमधुर भजनों का गायन किया गया और प्रभु पवन पुनीत आरती के साथ समापन किया गया।

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