रमजान का महीना अच्छा इंसान बनने का देता है मौका
रमजान का महीना इस्लाम में पाक माह के रूप में मनाया जाता है।
जागरण संवाददाता, फरीदकोट
रमजान का महीना इस्लाम में पाक माह के रूप में मनाया जाता है। यह माह सभी लोगों को अच्छा इंसान बनने का मौका देता है। रमजान का जिक्र कुरान में भी मिलता है। कुरान में जिक्र है कि रमजान माह में अल्लाह ने पैगंबर मोहम्मद साहब को अपने दूत के रूप में चुना है। इसलिए रमजान का महीना मुसलमानों के लिए पाक है। यह कहना है फरीदकोट ईदगाह के मौलाना नौमान का।
मौलाना ने बताया कि लगभग एक महीना रोजे रखने का उद्देश्य पैगंबर हजरत मुहम्मद के आदर्शो का पालन करना है। माना जाता है कि रमजान के माह में जन्नत के दरवाजे खुल जाते हैं। इस माह में की गई इबादतों का सबाब अन्य माह से दोगुना मिलता है। इस माह का इंतजार बहुत ही शिद्दत के साथ लोगों को होता है। रमजान के महीने में 29 या 30 दिनों तक रोजे यानी उपावास रखे जाते हैं। इस साल रमजान की तारीख 14 अप्रैल है, क्योंकि रमजान और ईद के सही तारीख इस्लामिक कैलेंडर के 9वें महीने (हिजरी 1440) के अनुसार तय होती है।
उन्होंने बताया कि इस दौरान मुस्लिम समुदाय के सभी स्वस्थ लोग रोजे रखकर अल्लाह की इबादत करते है। सुबह सूरज निकलने से पहले सहरी यानी सुबह का खाना खाकर पूरे दिन भूखे-प्यासे रहकर नमाज और कुरान पढ़ेंगे और शाम का सूरज ढलने के बाद इफ्तारी से रोजा खोलेंगे।
फरीदकोट मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी के प्रधान हाजी दिलावर हुसैन ने कहा कि रमजान का पाक महीना हम सभी को आपस में प्रेम से रहना, एक-दूसरे की मदद करना और अच्छी आदतों को बढ़वा देने के लिए प्रेरित करता है। यह माह हम सभी को अपने गुनाहों का पश्चाताप करने के साथ इंसानियत की राह पर आगे बढ़ने को प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि रोजे के दौरान दिन भर भूखे-प्यासे रहने से हम सभी को भूख की अहमियत पता चलती है, जिससे हम सभी को भूखे लोगों की मदद करने की प्रेरणा मिलती है।