भक्ति से ही होगी ईश्वर की प्राप्ति

दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से देवी द्वारा मंदिर के नजदीक धार्मिक कार्यक्रम करवाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 03:02 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 03:02 PM (IST)
भक्ति से ही होगी ईश्वर की प्राप्ति
भक्ति से ही होगी ईश्वर की प्राप्ति

जागरण संवाददाता, फरीदकोट

दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से देवी द्वारा मंदिर के नजदीक बाबा फरीद में तीन दिवसीय श्री हरि कथा का आयोजन किया गया। प्रसंग की महिमा का गुणगान करते हुए हुए साध्वी रीतू भारती ने बताया कि शबरी भक्ति का प्रतीक है। भक्ति तभी उत्पन्न होती है, जब जीवन में प्रभु का आगमन होता है। तभी सही अर्थ में इंसान समझ पाता है कि प्रभु कृपा क्या है।

उन्होंने कहा कि इंसान को लगता है कि जो हम कर्म करते हैं उनके द्वारा ही हम प्रभु कृपा को प्राप्त कर सकते है। तो आप ही बताए क्या जीव हत्या करने से प्रभु का प्रेम मिलता है। मां शबरी ने शादी नहीं की, क्योंकि उनके विवाह में बहुत जीव हत्या होनी थी। इंसान को लगता है प्रभु जीव हत्या से प्रसन्न होते हैं। उनका हमें प्रेम एवं कृपा प्राप्त होती है। आप ही बताएं जब एक माता के बच्चे का वध कर दिया जाता है तो वह क्या खुश होती हैं। अगर वह खुश नहीं होती तो प्रभु कैसे खुश हो सकते हैं। हम भी तो उसकी संतान है।

संसार में जीव हत्या महापाप है और यह पाप हम सभी करते हैं। बाहर वाले मंदिर में हम सब स्नान करने जा है और मंदिर को खूब सजाते हैं। मंदिर को सभी ने कितना गंदा डाल रखा है। हम सब जानते हैं कि भगवान हमारे अत:करण में वास करते हैं, पर फिर भी हम ऐसी गलती कर जाते हैं। आज आवश्यकता है मां शबरी की तरह हमें भी प्रभु को जानने की। और हम जानेंगे तभी जब हमारे जीवन में भी प्रभु श्री राम जी के जैसे गुरु का आगमन होगा। मां शबरी के जीवन में भी एक गुरु का आगमन हुआ जिनका नाम मतंग मुनि था जिनकी कृपा से उनके घर प्रभु श्री राम का वास्तविक रूप दिखा दिया था। अंत में साध्वी बहनों के द्वारा सुमधुर भजनों का गायन किया गया और इसी के साथ कथा का समापन प्रभु की पावन आरती के साथ किया गया।

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