फरीदकोट रियासत की 25 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति पर विवाद, कब्जे का प्रयास, SIT करेगी जांच

राजा हरिंदर सिंह के राजमहल पर कब्जे का प्रयास किया गया जिसकी जांच अब एसआइटी करेगी। राजमहल पर शुक्रवार को कब्जे का प्रयास किया गया था।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 10:03 AM (IST) Updated:Sun, 12 Jul 2020 10:03 AM (IST)
फरीदकोट रियासत की 25 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति पर विवाद, कब्जे का प्रयास, SIT करेगी जांच
फरीदकोट रियासत की 25 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति पर विवाद, कब्जे का प्रयास, SIT करेगी जांच

फरीदकोट [प्रदीप कुमार सिंह]। फरीदकोट रियासत की 25 हजार करोड़ रुपये की जायदाद के मालिकाना हक का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। राजा हरिंदर सिंह के राजमहल पर कब्जे का प्रयास किया गया, जिसकी जांच अब एसआइटी करेगी। राजमहल पर शुक्रवार को कब्जे का प्रयास किया गया था। आधा दर्जन लोगों ने शुक्रवार को राजमहल में आकर गार्डों को बाहर निकालकर अंदर से ताला लगा दिया था।

इस संबंध में राजमहल की देखभाल कर रहे ट्रस्ट की ओर से पुलिस को शिकायत दी गई थी। अभी तक पुलिस ने इस संबंध में कोई मामला दर्ज नहीं किया है। एसएसपी ने मामले की जांच एसआइटी को सौंप दी है। एसआइटी इससे पहले दर्ज हुए मामलों की भी जांच कर रही है। एसआइटी प्रमुख एसपी भूपिंदर सिंह ने कहा कि ट्रस्ट द्वारा की गई शिकायत भी उन्हें जांच के लिए मिल गई है, इसकी भी गहराई से जांच की जाएगी।

फरीदकोट रियासत की देखरेख करने वाली महारावल खीवा जी ट्रस्ट के सीईओ बीएसएफ से रिटायर्ड पूर्व डीआइजी जंगीर सिंह ने बताया कि शुक्रवार की दोपहर चंडीगढ़ निवासी राजकुमारी अमृतपाल कौर के लोगों ने राजमहल पर कब्जे की कोशिश की गई, इसमें दो लोगों को वह नाम से जानते हें, जिनमें गगनदीप सिंह मान व एडवोकेट रिपुदमन सिंह है, बाकी दस से बारह लोग अज्ञात हैंं।

उन्होंने कहा कि राजकुमारी अमृतपाल कौर को अदालत ने ऑनर माना है, परंतु रियासत की संपत्तियों पर कब्जा ट्रस्ट का ही है। ट्रस्ट के चेयरमैन जयचंद्र मेहताब बदलते घटनाक्रम पर निगाह रखने के साथ ही रियासत की संपत्तियों की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है।

बता दें कि राजा हरिंदर सिंह बराड़ की जाली वसीयत में नामजद महारावल खीवा जी ट्रस्ट के चेयरमैन समेत 23 लोग नामजद हैंं, जिसकी जांच एसपीएच भूपिंदर सिंह के नेतृत्व वाली एसआइटी द्वारा की जा रही है। अब एसआइटी के पास दोनों पक्षों की जांच है, जिसमें एक पक्ष में राजकुमारी अमृतपाल कौर और दूसरे पक्ष में ट्रस्ट शामिल है।

उल्लेखनीय है कि राजा की बड़ी बेटी राजकुमारी अमृतपाल कौर ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले के आधार पर वसीयत को जाली बताते हुए 3 जुलाई 2020 को फरीदकोट पुलिस के पास शिकायत की थी। पुलिस ने कानूनी राय लेने के बाद ट्रस्ट के चेयरमैन जयचंद मेहताब और वाइस चेयरपर्सन निशा डी खेर सहित 23 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का का केस दर्ज किया गया था।

जयचंद मेहताब राजकुमारी अमृतपाल कौर की छोटी बहन दीपइंद्र कौर के बेटे हैं। निशा डी खेर जयचंद की बहन हैं। चंडीगढ़ के सेक्टर 11 में रहने वाली राजकुमारी अमृतपाल कौर ने शिकायत में कहा है कि राजा हरिंदर सिंह बराड़ निधन के बाद राजकुमारी दीपइंद्र कौर ने जाली वसीयत के आधार पर पूरी संपत्ति हड़प ली और महारावल खीवा जी ट्रस्ट बना दिया। पहले वह खुद ट्रस्ट की चेयरपर्सन बनी रहीं और बाद में बेटे जयचंद और बेटी निशा को ट्रस्ट का चेयरमैन और वाइस चेयरपर्सन बना दिया।

वसीयत के खिलाफ दायर की गई थी याचिका

अमृतपाल कौर ने सिविल कोर्ट चंडीगढ़ में महारावल खीवा जी ट्रस्ट और राजा की वसीयत को जाली बताते हुए केस दायर किया था। 25 जुलाई 2013 को फैसला उनके हक में आया। इस फैसले के खिलाफ छोटी बहन राजकुमारी दीपइंद्र कौर ने जिला जज चंडीगढ़ के पास अपील की।  5 फरवरी 2018 को अपील खारिज हो गई। इसके बाद 25 जुलाई 2018 हाईकोर्ट में अपील की गई। हाईकोर्ट ने एक जून 2020 अपील खारिज कर दी।

वर्धमान राजघराने के वारिस भी हैं जयचंद

राजकुमारी दीपइंद्र कौर की शादी पश्चिम बंगाल के वर्धमान राजघराने में हुई थी। दीपइंद्र कौर की दो संतान हैं, जिसमें बेटा जयचंद मेहताब और बेटी निशा डी खेर है।

chat bot
आपका साथी