पेड़ों की कटाई के खिलाफ सरकार को कानूनी नोटिस
भाई कन्हैया कैंसर रोको सोसायटी की ओर से सरकार को कानूनी नोटिस भेजा गया है।
जागरण संवाददाता, फरीदकोट
भाई कन्हैया कैंसर रोको सेवा सोसायटी, कौंसिल आफ इंजीनियर्स एंड एक्टिविस्ट जसकीरत सिंह ने पंजाब स्टेट फारेस्ट डिपार्टमेंट, एंवायरमेंट मिनिस्ट्री, फारेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज मंत्रालय के साथ ही भोगपुर को-ओपरेटिव शुगर मिल को लीगल नोटिस दिया है। फरीदकोट चीनी मिल में पेड़ों की कटाई के कारण पर्यावरण को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा है। यह नोटिस पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट एचसी अरोड़ा ने दिया है।
भाई कन्हैया कैंसर रोको सेवा सोसायटी के प्रधान गुरप्रीत सिंह चंदबाजा ने बताया कि शुगर मिल इलाके में पेड़ों की कटाई की सूचना मिलने के बाद उन्होंने बड़ी संख्या में पर्यावरण कार्यकर्ताओं के साथ क्षेत्र का दौरा किया। पेड़ों को काटना फिलहाल को बंद कर दिया गया है। सरकार का साफ इरादा है कि आवासीय कालोनी के विकास के लिए पुडा को जमीन सौंपने से पहले 137 एकड़ जमीन पर खड़े हर पेड़ को काटा जाए।
कपिल अरोड़ा ने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा-निर्देशों के अनुसार पंजाब के सभी विभागों को किसी भी पेड़ को काटने से पहले चंडीगढ़ स्थित एमओईएफ और सीसी के क्षेत्रीय अधिकारी से मंजूरी लेनी चाहिए, लेकिन भोगपुर सहकारी चीनी मिल ने ऐसी कोई अनुमति नहीं ली है। इसके अलावा भोगपुर चीनी मिल की वेबसाइट पर उपलब्ध विवरण के अनुसार 2058 पेड़ कटाई की नीलामी 27 अक्टूबर 2020 को की गई थी और बोलीदाता को 60 कार्यकारी दिनों के भीतर जगह खाली करनी थी। छह माह बाद भी मिल के अंदर वृक्षों की कटाई अब हो रही है, जो पूरी तरह से अवैध है। भोगपुर सीएसएम के महाप्रबंधक और अन्य अधिकारियों की मिलीभगत से इस तरह की अवैध कटाई चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने 1996 में अपने फैसले में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वन शब्द को परिभाषित करने का निर्देश दिया था। हालांकि पंजाब सरकार ने अभी तक जानबूझकर इसे परिभाषित नहीं किया है।