हीरा नगर में लगेंगी एलइडी और सर्च लाइटें

गुड मार्निग वेलफेयर क्लब के वफद ने कार्यकारी प्रधान पंजाब प्रदेश कांगेस से मिला था।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 10:42 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 10:42 PM (IST)
हीरा नगर में लगेंगी एलइडी और सर्च लाइटें
हीरा नगर में लगेंगी एलइडी और सर्च लाइटें

संवाद सूत्र, कोटकपूरा

गुड मार्निग वेलफेयर क्लब के वफद ने कार्यकारी प्रधान पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी एडवोकेट पवन गोयल के साथ मुलाकात कर17 सितंबर को म्यूनिसिपल पार्क समेत शहर निवासियों को आ रही मुश्किलों और समस्याएं को लेकर मांगपत्र सौंपा था।

क्लब के प्रधान डा. मनजीत सिंह ढिल्लों और चेयरमैन विनोद कुमार बांसल (पप्पू लहौरिया) के नेतृत्व में पवन गोयल को मिले वफद में शामिल डा. प्रीतम सिंह छोकर डिप्टी डायरेक्टर बाबा फरीद नर्सिग कालेज कोटकपूरा ने बताया कि हीरा सिंह नगर के मोड़ पर डिजिटल शीशे लगाने जरूरी हैं जिससे हादसों से बचा जा सके। क्लब के वरिष्ठ उप प्रधान रजिन्दर सिंह सरा, उप चेयरमैन सुरिन्दर सिंह सद्युड़ा और जनरल सचिव शाम लाल चावला ने मांग की थी कि म्यूनिसिपल पार्क में मर्दों के लिए ओपन जिम का क्लब ने प्रबंध किया था परन्तु अब औरतों के लिए भी ओपन जिम की जरूरत है। क्लब के आडिट अफसर गुरदीप सिंह मैनेजर और उप प्रधान गुरिन्दर सिंह महन्दीरत्ता ने पार्क में डिजिटल लाइटों लगवाने की मांग करते कहा था कि रात समय चाहे ट्यूब लाइटें जलती हैं परन्तु फिर भी अंधेरा छाया रहता है। इस लिए वहां डिजिटल, एलईडी या सर्च लाईटों का प्रबंध किया जाए। एडवोकेट विनोद मैनी ने बताया कि पवन गोयल के प्रयासो से ओपन जिम का समान उन के पास पहुंच गया है और आगामी दिना में डिजिटल शीशे, एलइडी और सर्च लाईटों का प्रबंध भी किया जाएगा। ---------------- किसान आंदोलन में भाग लेने के लिए जत्था रवाना

संवाद सूत्र, मलोट (श्री मुक्तसर साहिब)

केंद्र सरकार ने खेती कानून रद कर दिए हैं परंतु दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान अंदोलन में भाग लेने के लिए अभी भी किसान वहां पर जा रहे हैं। जिला श्री मुक्तसर साहिब के किसानों का एक जत्था बुधवार को मलोट के रेलवे स्टेशन से रेलगाड़ी द्वारा किसान आंदोलन में भाग लेने के लिए टिकरी बार्डर के लिए रवाना हुआ। बीकेयू उगराहा मलोट के प्रधान कुलदीप सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने चाहे खेती कानून रद कर दिए परंतु कुछ मांगे अभी पूरी नहीं हुई। जैसे किसानों पर दर्ज मामले रद करने, लखीमपुर मामला व आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के परिवारों को मुआवजा देना आदि मांगे अभी पूरी होनी बाकी है। उसके बाद शायद फतेह दिवस भी मनाया जाए उसी संबंध में यह जत्था जा रहा है।

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