एसआइटी के लिए आसान नहीं होगी डेरा प्रमुख की अदालत में पेशी
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम हरियाणा के सुनारिया जेल में बंद हैं।
प्रदीप कुमार सिंह, फरीदकोट
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम को हरियाणा की सुनारिया जेल से फरीदकोट अदालत में 29 अक्टूबर को पेश करना एसआइटी के लिए आसान नहीं है। मालवा में डेरा प्रेमियों की बहुतायत तादात देखते हुए, पुलिस के लिए कानून-व्यवस्था बनाए रखने में बड़ी चुनौती साबित होगी।
बठिडा और पंचकुला की स्थित को देखते हुए इतने कम समय में फरीदकोट पुलिस बेअदबी कांड में नामजद आरोपी बाबा राम रहीम को प्रोडक्शन वारंट पर लाकर अदालत में पेश कैसे करता है यह देखने वाली बात होगी।
2015 में घटित बरगाड़ी बेअदबी कांड की जांच कर रही तत्कालीन एसआइटी प्रमुख डीआइजी रणबीर सिंह खटड़ा ने सात जुलाई को फरीदकोट अदालत में चालान पेश कर पावन स्वरूप की चोरी मामले में डेरा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के अलावा डेरा सिरसा की नेशनल कमेटी के तीन सदस्यों हर्ष धूरी, प्रदीप कलेर और संदीप बरेटा को नामजद किया था। प्रेसवर्ता के दौरान उस दिन खटड़ा ने बताया था कि मोगा में 2011 में हुई आगजनी की घटना की जब साल 2018 में जांच की जा रही थी, तो उस दौरान इन डेरा प्रेमियों के बारे में पता चला था। मामले में गिरफ्तार सातों डेरा अनुयायियों ने अपना अपराध स्वीकार किया था। इसके चलते एसआइटी ने केस में डेरा प्रमुख और डेरे की कमेटी के तीन सदस्यों को भी नामजद किया है।
गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला के गुरुद्वारा साहिब से एक जून 2015 को श्री गुरु ग्रंथ साहिब का स्वरूप चोरी हुआ था। इस मामले में तत्कालीन एसआइटी प्रमुख द्वारा पांच जुलाई 2020 को सात डेरा प्रेमियों को गिरफ्तार किया था। सात जुलाई को अदालत में एसआइटी चीफ खटड़ा द्वारा पेश किए गए चालन में उक्त सात लोगों के अलावा डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम व डेरा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के तीन सदस्य हर्ष धूरी, प्रदीप कलेर और संदीप बरेटा समेत कुल 11 आरोपितों को नामजद किया गया था।
डेरा प्रमुख को नामजद करने के बाद इन सवा साल में एसआइटी द्वारा हरियाणा की सुनारिया जेल से बाबा राम रहीम को फरीदकोट लाने के प्रयास तो किए गए, परंतु उसे सफलता हासिल नहीं हुई। एसआइटी डेरे की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के तीन सदस्यों को भी अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई, जबकि कई बार वह सिरसा समेत हरियाणा के विभिन्न जिलों का चक्कर लगा चुकी है। मजबूरन एसआईटी को अदालत से तीनों के लुकआउट नोटिस जारी करवाने पड़े हैं।