जामुन के पेड़ के नीचे मरे मिले सैकड़ो तोते

रियासती जामुन के पेड़ों के नीचे सैकड़ों की संख्या में पक्षी मरे है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 05:09 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 05:09 PM (IST)
जामुन के पेड़ के नीचे मरे मिले सैकड़ो तोते
जामुन के पेड़ के नीचे मरे मिले सैकड़ो तोते

देवानंद शर्मा, फरीदकोट

रियासती जामुन के पेड़ों के नीचे सैकड़ों की संख्या में पक्षी मरे हुए मिले हैं। इन पक्षियों की मौत पक्षी प्रेमियों के अनुसार फलदार पौधों पर जहर स्प्रे करने के साथ हुई है, परन्तु प्रशासन पक्षियों की मौत के लिए रात समय आई आंधी और दो दिन पहले पड़ी प्रचंड गर्मी को जिम्मेदार बता रहा है। पक्षी और वातावरण प्रेमी परिदों की मौत के लिए जिला प्रशासन को जिम्मेदार मान रहे हैं।

सन्दीप सिंह, गुरप्रीत सिंह, राष्ट्रीय खिलाड़ी गुरदित्त सिंह सेखों, बेअंत कौर और हरबरिन्दर सिंह बराड़ ने कहा कि आंधी के कारण पक्षियों की मौत नहीं हो सकती। सेखों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने रियासत कालीन जामुन के करीब एक हजार पौधों को छह लाख रुपये में ठेके पर दिया है और ठेकेदारों ने रियासतकालीन जामुन के पेड़ों से ज्यादा मात्रा में जामुन की प्राप्ति हेतु स्प्रे छिड़की है, जिससे साथ तोते, कबूतरों, लालियों और चिड़ियों आदि जानवर बड़ी संख्या में मरे हैं।

जिला बागवानी अफसर डा. किरनदीप सिंह ने कहा कि रियासतकालीन जामुन के पौधों पर किसी को भी कोई भी स्प्रे करने की इजाजत नहीं दी गई। हो सकता है कि ठेकेदारों ने अपने स्तर पर कोई स्प्रे किया हो और वह इस मामले की पड़ताल करेंगे। डिप्टी कमिशनर के दफ्तर में भी जामुन के सौ से अधिक वृक्ष हैं, और इन वृक्षों की उम्र 70 साल से अधिक है। इन वृक्षों नीचे सब से अधिक मरे हुए पक्षी देखे गए हैं।

जामुन के पेड़ों का ठेका लेने वाले बंसी सिंह और सुखदेव सिंह ने कहा कि उन्होंने कोई स्प्रे नहीं की और उनको नहीं पता कि इतनी बड़े स्तर पर पक्षियों की मौत कैसे हुई।

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कीटनाशक दवाओं के दो लिफाफे मिले

पेड़ों के नीचे जहां पर मरे हुए पक्षी मिले हैं, वहां कीटनाशक दवा के खाली पड़े लिफाफे भी मिले हैं। दिलचस्प तथ्य यह है, कि पक्षी फलदार पौधों के नीचे ही मरे हैं, आम वृक्षों नीचे नहीं। अब यह जांच का विषय है कि पक्षियों की मौत की असली वजह क्या है, गति वर्ष भी सैकड़ों की संख्या में कबूतर सिविल अस्पताल में मर गए थे, और उस समय भी डीसी द्वारा जांच की बात कही गई थी और जांच में क्या कुछ ही सिस्टम ही जाने। इनसेट

हलजिम नाम की दवा का हुआ स्प्रे, करवाएंगे जांच : डीसी

डिप्टी कमिशनर विमल कुमार सेतिया ने कहा कि पिछले दिनों में गर्मी और आंधी के कारण भी पक्षियों के मरने की सूचना है। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को जामुन के वृक्ष या बागों पर जहर स्प्रे करने की आज्ञा नहीं दी जा सकती, और वह जानवरों के मरने के मामलों की पड़ताल करेंगे। वृक्षों पर हिलजिम नाम की दवा की स्प्रे किया गया है।

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