डॉ.निर्मल कौशिक को संस्कृत सौरभ सम्मान
गांव कम्मेआना स्थित दरबार माता ¨चतपूर्णी मंदिर कमेटी की तरफ से छठां माघ महात्तम कथा का आयोजन करवाया गया। इस कथा के समापन समारोह में समाजसेवी व आयुर्वेदाचार्य श्री श्री 10
संवाद सूत्र, फरीदकोट
गांव कम्मेआना स्थित दरबार माता ¨चतपूर्णी मंदिर कमेटी की तरफ से छठा माघ महात्तम कथा का आयोजन करवाया गया। इस कथा के समापन समारोह में समाजसेवी व आयुर्वेदाचार्य श्री श्री 108 महंत बलदेव दास जी समाधां( फरीदकोट) बतौर मुख्य मेहमान शामिल हुए जबकि मुख्य वक्ता के रूप में अंतरराष्ट्रीय साहित्य शिरोमणि मानद उपाधि से अलंकृत ¨प्रसिपल डॉ.निर्मल कौशिक ने भाग लिया। श्री प्रेम संकीर्तन मंडल के भजन गायकों द्वारा मधुर स्वर में प्रभु की महिमा का गुणगान किया गया। समारोह के दौरान मुख्य मेहमान महंत बलदेव दास व मुख्य वक्ता ¨प्रसिपल डॉ.निर्मल कौशिक का सम्मान किया गया। संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार के लिए पिछले 40 सालों से सेवा निभा रहे डॉ.निर्मल कौशिक को संस्कृत सौरभ उपाधि से नवाजा गया।