डाक्टरों ने रिक्शा चलाकर सरकार का किया विरोध

नान प्रैक्टिस एलाउंस (एनपीए) के विरोध में डडाकेटरों की हड़ताल जारी है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 10:02 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 10:02 PM (IST)
डाक्टरों ने रिक्शा चलाकर सरकार का किया विरोध
डाक्टरों ने रिक्शा चलाकर सरकार का किया विरोध

जागरण संवाददाता, फरीदकोट

नान प्रैक्टिस एलाउंस (एनपीए) में प्रदेश सरकार द्वारा घोषित की गई कटौती के विरोध में प्रदेश भर के सरकारी डाक्टर हड़ताल पर हैं। हड़ताली डाक्टर अपने विरोध का रोजाना नया-नया तरीका अपना रहे हैं। इसी क्रम में डाक्टरों ने रिक्शा चलाकर रैली निकाली और अपना विरोध जताया।

प्रदेश सरकार पर दबाव बनाने के लिए हड़ताली डाक्टरों द्वारा पिछले तीन दिनों से सिविल सर्जन दफ्तर में ताला लगाया गया है, जिससे किसी भी प्रकार की डाक रूपी फाइल आगे नहीं बढ़ पा रही है। हड़ताली डाक्टरों ने सिविल सर्जन दफ्तर के अलावा सहायक सिविल सर्जन दफ्तर, डीएचओ दफ्तर, डीएमसी दफ्तर, टीवी दफ्तर आदि बंद किए है, जिससे किसी भी प्रकार का सरकारी कामकाज बंद पड़ा है।

डाक्टरों की हड़ताल के कारण मरीजों को पिछले डेढ़ महीने से परेशानी हो रही है। डाक्टर व प्रदेश सरकार जिद में मरीजों को हो रही परेशानी की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। हालांकि मरीजों प्रदेश सरकार द्वारा जल्द से जल्द किसानों की हड़ताल खत्म किए जाने की मांग की जा रही है।

पीसीएमएस एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष डाक्टर चंद्र शेखर कक्कड़ व डाक्टर विश्वदीप गोयल ने बताया जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती तब तक वह लोग अपनी हड़ताल नहीं खत्म करेंगे। ----------------- बीमारी से सौ पशुओं की मौत

संवाद सूत्र, जैतो-

सब-डिविजन जैतो के गांवों में पशुओं में फैली बीमारी के कारण 100 से अधिक पशुओं के मारे जाने से पशु मालिकों में भय है। पंजाब सरकार कुंभकरनी नींद सोई हुई है।

गांव रामेआना का एक वफद स्थानीय एसडीएम डां. मनदीप कौर को मिला और गांवों में फैली पशुओं की बीमारी को रोकने और पीड़ित लोगों को सहायता देने की मांग की।

वफद में शामिल धरमजीत सिंह रामेआना, चमकौर सिंह, साहब सिंह, गुरलाल सिंह, बलतेज सिंह, गुरदेव सिंह, गुरप्रीत सिंह, जगसीर सिंह और सुखदेव सिंह ने बताया कि गांव रामेआना और रामूवाला में बीमारी से दूध देने वाले पशु मौत के मुंह में चले गए हैं। लोग अपने पशुओं को बचाने के लिए पूरी शक्ति लगा देते हैं और डाक्टर के मुताबिक पशुओं को दवा दी जाती है परंतु फिर भी पशु को बचाया नहीं जा रहा। लोगों ने पंजाब सरकार से मांग की है कि जिन व्यक्तियों के दूध देने वाले पशु मर गए हैं उन को योग्य मुअवाजा दिया जाए और बीमार पशुओं को बचाने के लिए तुरन्त जरूरी कदम उठाए जाएं।

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