राशि नहीं मिलने से स्कूलों में मिड-डे मील बंद करने का ऐलान

डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (डीटीएफ) ने स्कूलों में मिड-डे मील बंद करने की घोषणा की है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 10:12 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 10:12 PM (IST)
राशि नहीं मिलने से स्कूलों में मिड-डे मील बंद करने का ऐलान
राशि नहीं मिलने से स्कूलों में मिड-डे मील बंद करने का ऐलान

संवाद सूत्र, सादिक

डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (डीटीएफ) ने जिला शिक्षा अधिकारियों और प्रखंड शिक्षा अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद सभी स्कूलों में मध्याह्न भोजन बंद करने की घोषणा की है। पिछले ढाई माह से न तो खाना पकाने की ढलाई और न ही अनाज स्कूलों में आया है। शिक्षक या तो दुकानों से उधार लेकर या अपनी जेब से भुगतान कर इसे चला रहे हैं।

आदेश के अनुसार केनरा बैंक में मिड-डे मील के खाते खोले जाने हैं, जिसके लिए लंबी प्रक्रिया चल रही है। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जब तक केनरा बैंक में सभी खाते नहीं खुल जाते, तब तक मिड-डे मील खातों में पैसा नहीं डाला जाएगा। फरीदकोट जिले में केनरा बैंक की बड़ी संख्या में शाखाएं होने के कारण बड़े पैमाने पर मुश्किलें आने की संभावना है। जिले के सभी स्कूलों को केनरा बैंक में खाता खुलवाने में कितना समय लगता है यह पता नहीं है।

डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट जिला फरीदकोट ने सभी स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना के तहत भोजन वितरण को जबरन रोकने की घोषणा की है जिसकी जिम्मेदारी विभाग की होगी। पिछले दो माह से मध्याह्न भोजन कर्मियों का वेतन नहीं आया है।

इस अवसर पर जिलाध्यक्ष सुखविदर सिंह सुखी, गगन पाहवा, प्रदीप सिंह, गुरजिदर सिंह दोहक, कुलविदर सिंह बराड़, गुरप्रीत सिंह रंधावा, अवतार सिंह, दिलबाग सिंह, रविदरपाल सिंह रिम्पी और अन्य नेता मौजूद थे। -----------------

गैर शैक्षणिक गतिविधियों में शामिल न हों अध्यापक : डीटीएफ

संवाद सूत्र, सादिक

डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट फरीदकोट के जिला अध्यक्ष सुखविदर सिंह सुखी सादिक, गगन पाहवा जिला सचिव ने एक प्रेस बयान में कहा कि पंजाब सरकार शिक्षकों को शिक्षा से हटाने की कोशिश कर रही है। शिक्षकों पर पहले से ही अधिक गैर शैक्षणिक गैर शैक्षणिक कार्य लगाया जा रहा है जबकि शिक्षकों का कार्य सिर्फ शिक्षा देना है। पंजाब सरकार के अधिकारियों ने हाल ही में पराली जलाने वाले किसानों की निगरानी के लिए शिक्षकों नियुक्त कर दिया है। शिक्षक गैर शैक्षणिक कार्यों के खिलाफ पहले से ही लगातार संघर्ष कर रहे हैं। शिक्षकों पर बीएलओ ड्यूटी, चुनाव ड्यूटी, सर्वे व अन्य गैर शैक्षणिक कार्य थोपे जा रहे हैं जिसका शिक्षक संघों द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है। सरकार शिक्षकों और किसानों के बीच मतभेद पैदा कर रही है। शिक्षक को उसी गांव में काम करना है। प्रदीप सिंह सुरिदर पुरी गुरजिन्दर दोहक कुलदीप सिंह घनिया लवकरण सिंह हरदीप सिंह अवतार सिंह मनीष कुमार हरविदर सिंह दिलबाग सिंह राजिदर संघ रविद्रपाल सिंह रिम्पी आदि इस अवसर पर उपस्थित थे।

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