एसएनए फंड में लाखों के गबन की जांच करवाए सरकार

आल इंडिया एससी/बीसी/एटी एकता भलाई मंच के राष्ट्रीय प्रधान जगदीश राय ने गबन मामले की जांच करवाने की मांग की है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 05:28 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 05:28 PM (IST)
एसएनए फंड में लाखों के गबन की जांच करवाए सरकार
एसएनए फंड में लाखों के गबन की जांच करवाए सरकार

संवाद सहयोगी, फरीदकोट

आल इंडिया एससी/बीसी/एटी एकता भलाई मंच के राष्ट्रीय प्रधान जगदीश राय ढोसीवाल को लोक सूचना अधिकार तहत मिली आरटीआई से पता चला कि यूनिवर्सिटी कालेज आफ नर्सिंग फरीदकोट (यूकोन) के आफीशिएटिग प्रिसीपल एचसीएल रावत द्वारा विद्यार्थीयों से एकत्र किए गए एसएनए. (स्टूडेंट नर्सेज एसोसिएशन) फंड में लाखों का घोटाला किया गया है।

प्रिसिपल रावत द्वारा उस समय कार्यरत प्रो. भूपिदर कौर जो कि इस समय यूकोन के आफीशिएटिग प्रिसिपल हैं से साज बाज होकर एसएनए के खाते को उच्च अधिकारियों के नोटिस में लाए बिना बंद करवा दिया और लाखों रुपये अपने पास रख लिए। मामला उजागर होने के बाद प्रिसिपल रावत ने बीते वर्ष मामले को खुर्द-बुर्द करने के लिए करीब ढाई लाख रुपये बैंक खाते में जमा करवा दी।

रविवार को यहां बुद्ध विहार स्थित मंच के मुख्य कार्यालय से जानकारी देते हुए जगदीश राय ढोसीवाल ने बताया है कि उक्त फंड को चलाने के लिए कालेज में कोई कैश बुक, लेजर यां डेली डायरी नहीं लगाई हुइ। मैस पप्पू कुमार भगत को पेमेंट भी बिना नंबरी, अनप्रिटिड और जीएसटी के बिना सिर्फ प्लेन पेपर पर बनी रसीदों पर की गई है। इस तरह इनकम टैक्स, जीएसटी और टीडीएस की भी चोरी की गई है। इस मामले संबंधी मंच द्वारा पिछले वर्ष दो अगस्त को यूनिवर्सिटी और विजिलेंस विभाग को लिखित शिकायत की गई थी। मामले की गंभीरता को समझते हुए यूनिवर्सिटी के समर्थ अधिकारियों द्वारा पड़ताल की गई और करीब चार महीने पहले प्रिसिपल रावत को चार्जशीट कर दिया गया था। प्रधान ढोसीवाल ने कहा है कि उनकी संस्था को अभी तक पड़ताल में शामिल नहीं किया गया। उन्होंने यूनिवर्सिटी के उच्च अधिकारियों से मांग की है कि प्रिसीपल रावत द्वारा एसएनए फंड में लाखों के गबन, एसएनए के खाते को जूनियर प्रोफेसर की मिलीभगत से खाता बंद करवाना और अनप्रिटिड और बिना नंबरी रसीदों पर संबंधित ठेकेदार को लाखों का भुगतान करने के गबन की चल रही पड़ताल को जल्द संपूर्ण किया जाए। ढोसीवाल ने अपनी संस्था को भी पड़ताल में शामिल किए जाने की मांग की है।

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