बीमारी ही नहीं मौत का आकड़ा भी बढ़ रहा
कोरोना को हलके में लेने वाले लोग अब भी समय है सावधान रहें।
प्रदीप कुमार सिंह, फरीदकोट
कोरोना को हलके में लेने वाले लोग अब भी समय है सावधान व सर्तक हो जाएं। महामारी का संक्रमण जितनी तेजी से फैल रहा है, उसी अनुपात में मौत का आकड़ा भी बढ़ रहा है। मेडिकल कालेज में मई के 15 दिनों में कोरोना संक्रमितों की रोज औसतन मृत्यु दर बढ़कर 15 पहुंच गई है। मेडिकल कालेज अस्पताल के रिकार्ड के अनुसार मार्च में रोज औसतन मृत्यु दर एक, अप्रैल में पांच जबकि मई के इन पंद्रह दिनों में औसतन मृत्युदर बढ़कर रोज 15 हो गई है।
मार्च-अप्रैल के मुकाबले मरने वालों की संख्या शहरों से ज्यादा ग्रामीण या कस्बों की दिखाई दे रही है। इसका कारण विशेषज्ञ समय से कोरोना का टेस्ट न करवाना बता रहे हैं। एक मार्च से लेकर 15 मई तक मेडिकल कालेज में कोरोना उपचार के लिए जो कुल 2031 मरीज दाखिल हुए उनमें से 1490 मरीजों में पहले ही कोरोना की पुष्टि थी जबकि 541 कोरोना संदिग्ध मरीज के रूप में दाखिल हुए जिनमें 99 फीसद मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई। अकेले शुक्रवर को ही 21 मरीजों की कोरोना से मेडिकल कालेज में मृत्यु हुई है।
मेडिकल कालेज अस्पताल में गंभीर कोरोना रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, वर्कलोड कम करने के साथ ही गंभीर रोगियों को बेड की उपलब्धता हो सके, इसके लिए बीमारी से ठीक होने वाले और आक्सीजन की जरूरत वाले पोस्ट कोरोना मरीजों को उनके जिलों के उन सरकारी अस्पतालों में शिफ्ट किया जा रहा है, जहां पर आक्सीजन की उपलब्धता है।
गुरु गोबिद सिंह मेडिकल कालेज व अस्पताल के वाइस चांसलर डाक्टर राज बहादुर ने बताया कि सभी लोग महामारी के प्रति पूरी तरह से सावधान व सर्तक रहें। शक व लक्षण दिखाई देने पर तुंरत कोरोना टेस्ट करवाएं और संक्रमित पाए जाने पर डाक्टर की सलाह के अनुरूप अपना इलाज शुरु करें। इनसेट
73 दिनों में 2031 कोरोना संक्रमित मेडिकल कालेज में हुए दाखिल
मार्च
कोरोना संक्रमित व शकी मरीज समेत कुल 186 लोग दाखिल हुए, इसमें से 149 ठीक होकर घर गए जबकि 34 लोगों की मृत्यु हुई। तीन मरीज उपचाराधीन रहे
अप्रैल
कोरोना संक्रमित व संदिग्ध मरीज समेत कुल 953 लोग दाखिल हुए। इसमें से 535 ठीक होकर घर गए जबकि 166 की मृत्यु हुई। 252 मरीज उपचाराधीन रहे
मई 15 तक
कोरोना संक्रमित व संदिग्ध मरीज समेत कुल 892 लोग दाखिल हुए। इनमें से 446 ठीक होकर घर गए जबकि 215 लोगों की मृत्यु हुई। 231 मरीज उपचाराधीन हैं।