पगड़ी सजावट मुकाबलों में सुखदीप, जीवन और ईशमनमीत ने लिया पहला स्थान
पगड़ी मेरी आन मेरी शान मेरी पहचान और मेरा ईमान के नारे के साथ प्रतियोगिता करवाई गई।
संवाद सूत्र, कोटकपूरा
पगड़ी मेरी आन, मेरी शान, मेरी पहचान और मेरा ईमान के नारे के अंतर्गत स्थानीय गुरु गोबिद सिंह स्टडी सर्किल की तरफ से स्व. कंवरजीत सिंह सेठी की याद में उन के परिवार के सहयोग के साथ बच्चों, नौजवानों का पगड़ी सजावट मुकाबला स्थानीय जोनल दफ्तर में करवाया गया, जिस में विद्यार्थियों को तीन वर्गों में बाटा गया। पहला वर्ग आठवीं तक, दूसरा वर्ग नौवीं तक और तीसरे वर्ग में दोहरी पगड़ी सजाने वाले भाई और बहना थी। समागम की शुरुआत कोआर्डिनेटर राजवीर सिंह की तरफ से विद्यार्थियों और उन के मां बाप को स्वागतम कहने के साथ हुई।
क्षेत्र प्रधान चमकौर सिंह ने पगड़ी सजावट के नियमों के बारे में जानकार करवाते कहा कि उक्त मुकाबलो में 130 विद्यार्थियों ने भाग लिया। जोनल सचिव नवनीत सिंह ने स्टडी सर्किल द्वारा किए जा कामों प्रति जानकारी दी। अमरजीत सिंह ने 'पगड़ी कपड़े का टुकड़ा नहीं ' कविता पेश करते पगड़ी के साथ संबंधित कुछ वीडियो क्लिप भी दिखाए और गुरविन्दर सिंह ने क्लिप बारे रोशनी डाली। पगड़ी सजावट मुकाबलों के नतीजों का ऐलान बलविन्दर सिंह कोटकपूरा ने करते कहा कि माध्यमिक वर्ग में सुखदीप सिंह ने पहला स्थान, चमकौर सिंह ने दूसरा, गुरसिमरन सिंह ने तीसरा और जशनदीप सिंह ने हौसला वधाऊ स्थान प्राप्त किया।
ओपन वर्ग में जीवन सिंह ने पहला, जसकरन सिंह ने दूसरा, मनजिन्दर सिंह ने तीसरा और दविन्दर सिंह ने हौसला, दोहरी पगड़ी सजावट में ईशमनमीत कौर ने पहला, स्वर्न कौर ने दुूजा, अरशदीप कौर ने तीसरा और सिमरन कौर ने भी स्थान हासिल किया। उक्त स्थान लेने वालों को इनाम सेठी परिवार की तरफ से हरप्रीत सिंह लक्की, जसबीर सिंह रिकी जबकि क्षेत्र प्रधान चमकौर सिंह, क्षेत्र सचिव जगमोहन सिंह, कोआर्डिनेटर राजवीर सिंह, संत सिंह, गुरमीत सिंह मीता और सुखदेव सिंह ने दिए। हर वर्ग में पहली तीनों स्थान लेने वाले विद्यार्थियों को क्रमवार 2100, 1100 और 500 के साथ सम्मान चिह्न भी दिए गए। बाकी सभी प्रतियोगियों को मेडल और लिटरेचर दिया गया। पगड़ी सजावट मुकाबले की जजमेंट हरप्रीत सिंह खालसा, इन्द्रजीत सिंह, जसविन्दर सिंह, अमरजीत सिंह, अरशदीप सिंह और रिशवजीत सिंह ने की। स्टेज संचालन क्षेत्र सचिव जगमोहन सिंह ने निभाया। इस समय घर -घर में अमीर विरसे को पहुँचाने के लिए पुस्तक प्रदर्शनी भी लगाई गई।