एक फ्रंट पर एकजुट हों इंसानियत पसंद लोग

किसानों को अपना हक लेने के लिए राजनीति में आना ही पड़ेगा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 05:27 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 10:12 PM (IST)
एक फ्रंट पर एकजुट हों इंसानियत पसंद लोग
एक फ्रंट पर एकजुट हों इंसानियत पसंद लोग

जागरण संवाददाता, फरीदकोट

किसानों को अपना हक लेने के लिए राजनीति में आना ही पड़ेगा। इंसानियत पंसद लोग एक फ्रंट पर एकजुट हों और नई पार्टी बनाकर वह पंजाब विधानसभा चुनाव में उतरें और जीत हासिल कर अपनी सरकार बनाएं। मौजूदा राजनीतिक दलों से कोई उम्मीद नहीं है। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष किसान नेता गुरनाम सिंह चढूंनी ने उक्त बातें प्रेसवार्ता के दौरान कही।

उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने अंग्रेजों से देश को इसलिए आजादी दिलाई थी कि देश में लोगों को सामान अधिकार व समानता होगी, परंतु आज ऐसा नहीं हुआ। एक ओर देश में भूखमरी बढ़ रही है तो दूसरी ओर अमीर और अमीर होता जा रहा है, भूखमरी के शिकार लोगों की एक दिन की औसत कमाई 35 रुपये भी नहीं है, जबकि अमीरों की एक दिन की कमाई कई करोड़ रुपये तक है। चढूंनी ने कहा कि देश के लोगों ने अपने व देश के भले के लिए राजनीतिकों को सत्ता में बैठाया और यहीं सत्तासीन लोगों ने ही देश को मार दिया। देश को कारपोरेट घरानों के हवाले कर दिया। कारपोरेट घराने सबकुछ तो अपने कब्जे में पहले ही कर लिए, केवल खेती-किसानी ही बची थी, परंतु उस पर भी वह अपना कब्जा जमाने के लिए प्रयास कर रहे हैं परंतु देश का जागरूक किसान ऐसा नहीं होने देगा।

उन्होंने कहा कि आंदोलन से उपजी आम आदमी पार्टी से देश के लोगों को उम्मीद थी, कि यह कुछ नए तरह की राजनीति करेंगे, परंतु वह भी कारपोरेट घरानों के खिलाफ कुछ नहीं किए। चढूंनी ने कहा कि सिधू बार्डर पर आज एक व्यक्ति की हुई हत्या से आंदोलन को नुकसान पहुंच सकता है, यह बेहद चिताजनक बात है। बीएसएफ को सरहद से देश के अंदर पचास किलोमीटर तक अधिकार दिए जाने पर उन्होंने कहा कि यह भाजपा की चाल है।

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