पैंगबर मोहम्मद का जन्मदिन मनाया

पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्म दिवस मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी द्वारा धूमधाम से मनाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 04:21 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 04:21 PM (IST)
पैंगबर मोहम्मद का जन्मदिन मनाया
पैंगबर मोहम्मद का जन्मदिन मनाया

जासं, फरीदकोट,

पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्म दिवस मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी द्वारा धूमधाम से मनाया गया। मुस्लिम समाज के लोगों ने फरीदकोट सिविल अस्पताल में दाखिल सभी मरीजों को फल व जूस वितरित किया। सुबह के समय नमाज में खुदा से अमन-चैन की दुआ मांगी। लोगों ने गले मिलकर एक-दूसरे को मिलादुन्नबी की बधाई दी। जामा मस्जिद फरीदकोट के मौलाना जाहिद ने बताया कि 570 ईस्वीं में पैगंबर हजरत मुहम्मद का मक्का में जन्म हुआ था। पैगंबर मुहम्मद के जन्म की याद में ही मिलादुन्नबी का पर्व मनाया जाता है। इस मुबारक दिन में अल्लाह सबकी फरियाद सुनते हैं।

उन्होंने कहा कि हजरत मुहम्मद को इस्लाम का आखिरी नबी माना जाता है। मुसलमानों का अकीदा है कि पैगंबर मुहम्मद के बाद कोई नबी नहीं आएगा। मुस्लिम क्षेत्रों में नातिया कलाम के स्वर माहौल में दिन भर गूंजते रहे। बड़ों से लेकर बच्चे तक नई पोशाक में दिखे।

उन्होंने बताया कि दिसंबर 622 में, मक्का जनजातियों के साथ आठ वर्षों के युद्धों के बाद मुहम्मद साहब ने 10 हजार मुसलमानों की एक सेना इकट्ठी की और मक्का शहर में वापसी की। 632 में विदाई तीर्थयात्रा से लौटने के कुछ महीने बाद, वह बीमार पड़ गए और वह इस दुनिया से विदा हो गए। उन्होंने कहा कि मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैही वसल्लम ने दुनिया से जाने तक प्राप्त करने की सूचना दी, कुरान के छंदों का निर्माण किया, मुसलमानों द्वारा शब्द'' अल्लाह का वचन ''के रूप में माना जाता है और जिसके आस-पास धर्म आधारित है। कुरान के अलावा, हदीस और सीरा (जीवनी) साहित्य में पाए गए मुहम्मद साहब की शिक्षाओं और प्रथाओं (सुन्नत) को भी इस्लामी कानून के स्त्रोतों के रूप में उपयोग किया जाता है।

सिविल अस्पताल में मरीजों को फल व जूस वितरण के दौरान सिविल सर्जन डाक्टर संजय कपूरा, एसएमओ डा. चंद्रशेखर कक्कड़, मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी के प्रधान हाजी दिलावर हुसैन, अनीश कुरैशी, मुन्ना खान आदि उपस्थित रहे।

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