मृतकों के परिजनों ने खुदकशी को बताया हत्या

करीब चार महीने पहले सामूहिक तौर पर एक ही परिवार के चार सदस्यों ने आत्महत्या कर ली थी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Jan 2021 10:04 PM (IST) Updated:Fri, 15 Jan 2021 10:04 PM (IST)
मृतकों के परिजनों ने खुदकशी को बताया हत्या
मृतकों के परिजनों ने खुदकशी को बताया हत्या

संवाद सहयोगी, फरीदकोट

करीब चार महीने पहले सामूहिक तौर पर एक ही परिवार के चार व्यक्तियों द्वारा की गई आत्महत्या पर मृतक के पारिवारिक सदस्यों की तरफ से इसको हत्या का मामला बताया जा रहा है। उन्होंने मामले की जांच की मांग की गई है।

पति-पत्नी और उनके दो नाबालिग बच्चों द्वारा की गई आत्महत्या के मामले में फरीदकोट पुलिस द्वारा केस दर्ज करने से इनकार करने और पीड़ित परिवार द्वारा धरने देने के बाद ही दो लोगों के खिलाफ पुलिस ने आत्महत्या के लिए मजबूर करन के आरोप में केस दर्ज दर्ज किया। मृतक के भाई की तरफ से एसएसपी फरीदकोट, डीजीपी और ह्यूमन राइट कमिशन को पत्र भेज कर मामले की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग का गई।

पिछले साल 17 अक्टूबर की सुबह, नजदीकी गांव क्लेर के साथ लगते ईंटों के भट्टे पर मुंशी का काम करते 40 वर्षीय धर्मपाल वर्मा, 38 साल की पत्नी सीमा, 15 साल बेटी -मोनिका और 12 साल बेटा हतेश ने आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने अपने आप को आग लगा ली थी।

पीड़ित के वकील चरनजीत सिडाना ने बताया कि धर्मपाल वर्मा गांव कलेर में भट्टो में 45 लाख दे कर करीब तीसरे हिस्से का मालिक होने साथ साथ भट्टे और मुंशी के तौर पर भी काम करता था। उसके नाम धर्मपाल वर्मा के मार्का डीवी के ठप्पे की ईंटों तैयार की जातीं थी। बेशक लाक डाउन समय के अंदर काम कार ठीक नहीं हो सका। भट्ठों की हिस्सेदारों की तरफ से यह साबित करने की कोशिश की गई कि धर्मपाल और उसका परिवार लाक डाउन में बुरी ार्थिक स्थिति से घबरा कर सामूहिक आत्महत्या की थी।

राजस्थान के रहने वाले धर्मपाल के भाई परशुराम ने बताया कि उसका भाई गांव से करीब 60 लाख रुपये लेकर फरीदकोट आया था। गांव कलेर में दो व्यक्तियों के साथ तीसरे हिस्सेदार के तौर पर हिस्सा पाया और इस के साथ ही वह भट्टे और मुंशी के तौर पर काम करने के तनख्वाह के तौर पर 60 हजार रुपये अलग से लेता था। घटना से एक दिन पहले भी उस ने अपने गांव परिवार के सभी सदस्यों के साथ बात की थी, किसी भी किस्म का कोई दबाव या परेशानी महसूस नहीं हो रहा था। उसने सिर्फ यह कहा था कि हिस्सेदारों ने बेइमानी कर भट्टों के काम में लाक डाउन में कमी दिखा कर हेराफेरी की है। उसने बताया कि उस द्वारा एसएसपी फरीदकोट, डीजीपी पुलिस और मानव अधिकार आयोग को लिखित शिकायतें भेजी हैं परन्तु उन पर कोई क्या कार्रवाई नहीं हुई।

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मामले की हो रही है जांच : एसपी

एसपी सेवा सिंह मल्ली ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। पीड़ित परिवार को इंसाफ देने के लिए उसके राजस्थान गांव जा कर पड़ताल की जा रही है। परिवार द्वारा जो आरोप लगाए गए है उसकी बारीकी से जांच की जा रही है।

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