दिल्ली में होती है आक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी, एंबुलेंस चालक गिरफ्तार

कोरोना महामारी से लड़ रहे लोगों को बचाने के लिए सरकार व लोग प्रयासरत हैं.

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 May 2021 05:01 PM (IST) Updated:Mon, 03 May 2021 05:01 PM (IST)
दिल्ली में होती है आक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी, एंबुलेंस चालक गिरफ्तार
दिल्ली में होती है आक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी, एंबुलेंस चालक गिरफ्तार

संवाद सूत्र, फरीदकोट

कोरोना महामारी से लड़ रहे लोगों को बचाने के लिए सरकार व लोग जी तोड़ मेहनत कर रहे है, ताकि कीमती जानों को बचाया जा सके। ऐसे में शहर की एक नामी समाजसेवी संस्था की एंबुलेंस में आक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी फरीदकोट से दिल्ली लेकर की जा रही है। यह पर्दाफाश दिल्ली पुलिस द्वारा समाजसेवी संस्था की एंबुलेंस व ड्राइवर को पकड़ने से हुआ है। शहर के तीन ऐसे एंबुलेंस संचालकों का पूछताछ में पर्दाफाश हुआ है, जो कि अपनी एंबुलेंस में आक्सीजन सिलेंडर ले जाकर दिल्ली में मंहगे भाव में बेच रहे हैं। गुरु गोबिद सिंह मेडिकल कालेज अस्पताल के मुख्य द्वार के अंदर एंबुलेंस हमेशा लगा रहता है। इनमें से कई जाली कागजात पर एंबुलेंस चल रही हैं। एक-एक व्यक्ति के पास पांच-पांच एंबुलेंस है। एक समाजसेवी संस्था द्वारा चलाई जाने वाली एम्बुलेंस के ड्राइवर द्वारा आक्सीजन सिलेंडर ब्लैक करते दिल्ली में पकड़ा गया। वह दिल्ली पुलिस हिरासत में है। पूछताछ में उसने तीन और एंबुलेंसों व ड्राइवरों के नाम लिए है।

बाबा फरीद यूनिवर्सिटी आफ हेल्थ साइंस के वाइस चांसलर डा. राज बहादुर ने कहा कि इस तरह के एलीमेंट को सजा मिलनी चाहिए। इस महामारी के समय पूरा देश समाज भलाई में लगा हुआ है, वही समाजसेवी संस्था की एम्बुलेंस का आक्सीजन सिलेंडर ब्लैक कर बेचने का गोरखधंधा सामने आना हम सबके लिए शर्म की बात है। उन्होंने कहा कि अस्पताल का मुख्य द्वार व द्वार के आसपास का एरिया बिल्कुल खाली होने चाहिए। अगर कोई समाजसेवा के नाम पर बिजनेस करता है उसको सजा मिलनी चाहिए। इनसेट

एंबुलेंसों की होगी जांच : डीसी

डिप्टी कमिश्नर विमल कुमार सेतिया ने कहा कि भारत सरकार द्वारा किसी भी एम्बुलेंस को कोई परमिशन नहीं दी गई है। जो भी एंबुलेंस चलाता है उसे कामर्शियल टैक्स भरना पड़ता है। कामर्शियल टैक्स भरकर वह एंबुलेंस चला सकता है। अगर कोई समाजसेवी संस्था के नाम को अपने साथ जोड़कर बिजनेस करता है तो वह गलत है, इसके लिए मैं अभी आरटीए व एसडीएम की ड्यूटी लगाकर जांच करवाता हूं।

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