सुखमणि साहिब के पाठ से बाबा फरीद आगमन पर्व शुरू
12वीं सदी के महान सूफी संत बाबा शेख फरीद का आगमन पर्व शुश हो गया।
जागरण संवाददात, फरीदकोट
12वीं सदी के महान सूफी संत बाबा शेख फरीद का आगमन पर्व रविवार की सुबह सुखमणि साहिब के पाठ के साथ शुरू हुआ। समागम में बाबा फरीद संस्था के प्रमुख इंद्रजीत सिंह खालसा व सेवादार महीपइंद्र सिंह सेखो प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। समागम में श्रद्धालुओं को कोरोना नियमों का पालन करने की अपील सोसाइटी द्वारा की जा रही है। श्रद्धालुओं को कोरोना महामारी से बचाने के लिए जगह-जगह सैनिटाइजर लिए सेवादार खड़े हैं। परिसर को फूलों व रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है, जो कि श्रंद्धालुओं के आकर्षण का केन्द्र है।
संस्था के मुख्य सेवक इंद्रजीत सिंह खालसा ने कहा कि उन्होंने वर्ष 1969 में एक दिन का आगमन पर्व मनाकर बाबा फरीद आगमन पर्व की शुरुआत की थी, जो आज पांच दिन का हो गया है और यह पंजाब का मान्यता प्राप्त सरकारी मेला बन गया है। एडवोकेट महीपइंद्र सिंह सेखो सेवादार बाबा फरीद संस्थान ने श्रद्धालुओं से अपील की और कहा कि यह बाबा फरीद आगमन पर्व फरीदकोटियों की धरोहर है। बाबा फरीद जी से संबंधित धार्मिक स्थल और शैक्षणिक संस्थान संगत की संपत्ति है। उन्होंने ईमानदारी से संगत की अपील की और कहा कि इस आयोजन के बाद दूसरी एतिहासिक परंपरा जो इस क्षेत्र के संतों द्वारा पिछले 50 वर्षों से श्री अखंड पाठ साहिब के रूप में टिल्ला बाबा शेख फरीद जी के रूप में की जाती है, को भी रेखांकित किया गया।
डिप्टी कमिश्नर विमल कुमार सेतिया ने लोगों से अपील की कि वे बाबा फरीद जी से प्रेम करने वाले श्रद्धालुओं की भावनाओं से अवगत हैं। उन्होंने लोगों से कोरोना नियमों का पालन करने की अपील की, ताकि लोगों को कोरोना महामारी से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि उन्होंने बाबा फरीद जी के बारे में कई पुस्तकों का अध्ययन किया है, जो साबित करता है कि बाबा फरीद जी का फरीदकोट शहर कई सौ साल पुराना है, वह अपने को सौभाग्यशाली समझते है, कि उन्हें फरीदकोट में सेवा करने का अवसर मिला।