नर्सिग स्टाफ, ओट सेंटर और एनएचएम कर्मियों की हड़ताल से पटरी से उतरी सेहत सुविधाएं
प्रदेश सरकार के कार्यकाल कुछ दिन और बचे होने को देखते हुए मुलाजिमों ने हड़ताल तेज कर दी है।
जागरण संवाददाता, फरीदकोट
प्रदेश सरकार के कार्यकाल कुछ दिन और बचे होने को देखते हुए सेहत विभाग के सभी विगों के कर्मी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर उतर आए हैं। सेहत कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से सरकारी अस्पतालों में मरीजों को मिलने वाली सुविधा व सेवाएं ठप हो गई हैं।
कुछ दिनों काम करने के बाद एक बार फिर सोमवार से जिले के सेहत विभाग का नर्सिंग स्टाफ अपनी लंबित मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चला गया है। नशा छुड़ाओ केन्द्र यानी ओट सेंटर के सभी कर्मी भी रेगुलर किए जाने की मांग को लेकर सोमवार से हड़ताल पर चले गए हैं। इसके अलावा पहले से ही एनएचएम कर्मी हड़ताल पर चल रहे हैं। ऐसी विकट स्थित में अस्पताल का संचालन अधिकारियों के लिए मुश्किल भरा साबित हो रहा है। हालांकि डाक्टरों द्वारा हड़ताली कर्मियों को अपनी सहमति दी जा रही है और इसी सहमति के तहत मंगलवार को सुबह नौ बजे से दिन के 12 बजे तक डाक्टर भी हड़ताल पर रहे, जबकि मंगलवार को आधे दिन की छुट्टी की घोषणा पहले ही सरकार द्वारा की गई है। मंगलवार व बुधवार को जिले सरकारी अस्पतालों में मरीजों की सुनवाई नहीं होने वाली है। नर्सिंग स्टाफ के हड़ताल पर जाने से डाक्टरों द्वारा वार्ड में दाखिल उन सभी ज्यादातर मरीजों को छुट्टी दे दी गई जिनकी हालत खतरें से बाहर थी, अब गिने-चुने मरीज ही अस्पताल के बेडों पर दिखाई दे रहे हैं।
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आज से बसों के भी चक्के रहेंगे जाम
पंजाब रोडवेज व पीआरटीसी के कच्चे मुलाजिमों की ओर से मंगलवार से हड़ताल की जाएगी। इस दौरान उनके द्वारा पूर्ण तौर पर बसों का चक्का जाम किया जाएगा। पीआरटीसी की ओर से अपने पक्के मुलाजिमों से रूटीन की तरह बसों को चलाने का भरोसा दिया है लेकिन कच्चे मुलाजिम कोई हंगामा न करे, इसको रोकने के लिए पीआरटीसी के फरीदकोट डिपो के अधिकारियों की ओर से एसएसपी को पत्र लिखा गया है। कच्चे मुलाजिमों की ओर से पक्का करने की मांग को लेकर हड़ताल की गई है। तीन दिसंबर को बस स्टैंड बंद करने के मामले में दर्ज किए गए केस भी रद करने की मांग की है। इसके अलावा पीआरटीसी की ओर से अपने अधिकारियों की छुट्टियों को भी रद कर दिया गया है। इनसेट
70 फीसद कर्मचारी हड़ताल पर : एसएमओ
सिविल अस्पताल के एसएमओ डा. चंद्रशेखर कक्कड़ ने बताया कि 70 फीसद से ज्यादा कर्मी हड़ताल पर हैं। ऐसे में ओट सेंटर में मरीजों को परेशानी न हो इसके लिए डाक्टरों द्वारा फार्मासिस्ट का भी काम किया जा रहा है।