पहले दिन स्कूलों में 50 फीसद बच्चे पहुंचे

सुनसान पड़े स्कूलों में रौनक लौट आई है। सोमवार को 136 दिन बाद स्कूल खुले।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 03:55 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 03:55 PM (IST)
पहले दिन स्कूलों में 50 फीसद बच्चे पहुंचे
पहले दिन स्कूलों में 50 फीसद बच्चे पहुंचे

प्रदीप गर्ग, गोलेवाला

सुनसान पड़े स्कूलों में रौनक लौट आई है। सोमवार को 136 दिन बाद प्री नर्सरी से लेकर सीनियर सेकेंडरी तक की सभी कक्षाओं के लिए सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूल खोले गए। हालांकि करीब डेढ़ वर्ष से बंद थे स्कूल लेकिन बीच में कुछ समय के लिए स्कूलों को खोला गया था। दोबारा कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते स्कूलों को फिर से बंद करना पड़ा, लेकिन एक बार फिर से स्कूलों को खोल दिया गया है।

जिला शिक्षा अधिकारी सतपाल ने बताया जिले के सभी स्कूलों में लगभग 50 फीसद बच्चे उपस्थित हुए। जिले के सभी स्कूलों के अध्यापकों को कोरोना वैक्सीन लगी हुई है, व कोविड-19 नियमों का कठोरता से पालन करते हुए जिले के सभी स्कूल खुलवाए गए हैं। गांव पिपली के सरकारी एलीमेंट्री स्कूल के हेड मास्टर जस केवल सिंह ने बताया उनके स्कूल में 80 फीसद बच्चे हाजिर हुए, जिन्हें कोविड-19 की नियमों का पालन करते हुए कक्षाओं में पढ़ाया गया। गोलेवाला के श्री गुरु हरि कृष्ण पब्लिक स्कूल की प्रिसिपल अनुकंपा से बातचीत में उन्होंने बताया कि उन्होंने अभी 50 बच्चों को ही स्कूल में बुलाया था, जिसमें से 45 प्रतिशत बच्चे हाजिर हुए बच्चों को उनके परिजनों की सहमति से ही स्कूल में बुलाया गया। वही स्कूल लगने से बच्चों के परिजन बच्चे वह अध्यापक खुश नजर आ रहे थे। सरकारी एलीमेंट्री स्कूल स्टेशन गोलेवाला की इंचार्ज पूनम ने बताया उनके स्कूल में 50 फीसद बच्चे हाजिर हुए। सभी सभी बच्चों के परिजनों की सहमति से ही बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिया गया कोविड-19 नियमों को ध्यान में रखते हुए स्कूल की कक्षाएं लगाई गई। सरकारी मिडिल स्कूल गांव पक्खी खुर्द के इंचार्ज गुरप्रीत सिंह रूपरा ने बताया कि उनके स्कूल में भी 50 फीसद बच्चे ही स्कूल में आए। गोलेवाला एक समाजसेवी डा. बलजीत शर्मा ने कहा लगभग डेढ़ वर्ष से बंद पड़े स्कूलों को खोलकर सरकार ने उचित कार्य किया है, इससे बच्चों की पढ़ाई में सुधार आएगा। भले ही आनलाइन क्लासेज लग रही थी, परंतु स्कूल बंद होने की वजह से बच्चों की दिनचर्या पर बहुत गहरा असर पड़ रहा था। उन्होंने कहा स्कूल बंद होने के दौरान जो बच्चों का सभ्यचारक खेलकूद व पढ़ाई का जो नुकसान हुआ है, उसको अध्यापकों और बच्चों के कठिन परिश्रम द्वारा ही पूरा किया जा सकता है। एक बच्चे के पिता सतनाम सिंह ने कहा सोमवार सुबह बच्चों द्वारा सजधज कर स्कूल यूनिफार्म में स्कूल की तरफ जाता देख मन को एक सुखद एहसास हो रहा था।

गोलेवाला के कई स्कूलों का दौरा किया गया जिसमें कोविड-19 नियमों को लेकर पूरी हतियात बरती जा रही है, स्कूलों द्वारा बच्चों को पूरी सख्ती के साथ कोरोना नियमों का पालन करवाते हुए स्कूलों में कक्षाएं लगवाई जा रही है। सभी बच्चों को मास्क लगा हुआ था और फिजिकल डिस्टेंसिग का खास ध्यान रखा जा रहा है। सभी कक्षाओं में सेनिटाइजर भी मौजूद थे। इनसेट

प्रबंधकों ने दिखाए अभिभावकों के सहमति पत्र

स्कूलों के प्रबंधकों द्वारा बच्चों के परिजनों के द्वारा दी गई सहमति के पत्र भी दिखाए गए। वही स्कूल प्रबंधकों ने बताया कुछ बच्चों के अभिभावक कोरोना महामारी से सुरक्षा को लेकर अपने बच्चों को स्कूल भेजने से डर रहे हैं।

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