अब समझ में आई आक्सीजन की महत्ता, लगाए 315 पीपल के पौधे
कोरोना रोगियों के लिए आक्सीजन बेहद अहम है।
प्रदीप कुमार सिंह, फरीदकोट
कोरोना रोगियों के लिए आक्सीजन बेहद अहम है। देश के कई हिस्सों के बड़े अस्पतालों में आक्सीजन की कमी के चलते कई अमूल्य जिदगियां खत्म हो रही है। ऐसे में आक्सीजन की महत्ता पहचानते हुए सीर सोसायटी द्वारा कोरोना महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक लगातार पीपल के पेड़ शहर भर में लगाए जा रहे हैं।
सीर सोसायटी द्वारा गुरु गोविद सिंह मेडिकल कालेज अस्पताल, सिविल अस्पताल, कचहरी, पार्क, बाजार समेत भीड़भाड़ व रिहायशी हिस्सों के आसपास 315 पीपल के पेड़ लगाए गए है। सोसायटी के अनुसार वनस्पति व आयुर्वेद विज्ञान के अनुसार पीपल एक ऐसा पेड़ है जो कि औषधीय गुणों से भरपूर होने के साथ ही 24 घंटे आक्सीजन देता है। सोसायटी के सदस्य पीपल के पेड़ लगाने के साथ ही उसकी नियमित रूप से देखभाल भी करते है, पेड़ों की सुरक्षा के लिए लोहे की ट्री गार्ड लगाए जाते है। सुबह व शाम सोसायटी के सदस्य शहर में लगाए पीपल के पौधों के साथ दूसरे पौधों की सेवा करते हैं। सोसायटी के प्लांटेशन चेयरमैन संदीप अरोड़ा ने बताया कि शहर में लगाए जा रहे पीपल के पौधे अगले दो साल में पेड़ का आकार ले लेंगे, जिससे लोगों को प्रचुर मात्रा में आक्सीजन मिलेगी। वातावरण में प्रचूर मात्रा में आक्सीजन की उपलब्धता होने से कोरोना महामारी से लड़ने में भी यह लोगों के लिए मददगार साबित होगें। इनसेट
एक साल में 100 किलो आक्सीजन देता है पीपल
संदीप ने बताया कि एक अध्ययन के मुताबिक पीपल एक वर्ष में 100 किलोग्राम आक्सीजन देता है। प्रत्येक व्यक्ति को एक वर्ष में 740 किलोग्राम आक्सीजन की जरूरत पड़ती है। ऐसे में एक मनुष्य को आठ पीपल के पेड़ की जरुरत है। हर व्यक्ति को संकल्प लेना चाहिए कि वह पीपल के आठ पौधे लगाकर अपना योगदान दे।
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आयुर्वेद में पीपल की बताई गई महत्ता
सीर सोसायटी के पदाधिकारी नवदीप गर्ग ने बताया कि आयुर्वेद में पीपल के पत्तों को नीम की तरह औषधीय माना जाता है। अगर आपको सांस संबंधी किसी भी तरह की समस्या है तो पीपल का पेड़ बहुत फायदेमंद हो सकता है। पीपल के पेड़ की छाल का अंदरूनी हिस्सा निकालकर सुखा लें और सूखे हुए इस भाग का चूर्ण बनाकर खाने से सांस संबंधी सभी समस्याओं को दूर किया जा सकता है। इसी तरह प्रतिदिन दो पीपल के पत्ते का सेवन करने से आक्सीजन के सेचुरेशन लेवल को ठीक किया जा सकता है। पीपल के पत्तों को छांव में सुखाकर मिश्री के साथ काढ़ा बनाकर पीने से सर्दी-जुकाम से छुटकारा पाया जा सकता है।