अन्न की बर्बादी न करें : राम शर्मा

अन्नपूर्णा देवी की पूजा के दिन रसोईघर साफ रखना चाहिए। इससे लोगों में यह सन्देश पहुंचता है की भोज्य पदार्थो को साफ रखना चाहिए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 10 Dec 2019 04:47 PM (IST) Updated:Tue, 10 Dec 2019 04:47 PM (IST)
अन्न की बर्बादी न करें : राम शर्मा
अन्न की बर्बादी न करें : राम शर्मा

संवाद सहयोगी, कोटकपूरा

देवी अन्नपूर्णा की पूजा के दिन रसोईघर साफ रखना चाहिए। अन्न का सद्पयोग करना चाहिए। जितनी जरूरत हो उतना ही पकाएं, ताकि अन्न बर्बाद न हो। माता अन्नपूर्णा जयंती के दिन अन्न के महत्व का पता होता है। विवाह शादियों में दिखावे के तौर पर जो अन्न की बर्बादी हो रही है, यह एक तरह से मां अन्नपूर्णा का अपमान है। विवाह शादियों में भोजन पर होने वाली फिजूलखर्ची से बचना चाहिए।  यह बात श्री गीता भवन कोटकपूरा के पुजारी पण्डित राम शर्मा ने बताई है।  उन्होंने कहा कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन माता पार्वती जी अन्नपूर्णा माता के रूप में अवतरित हुई थी। इस वर्ष यह दिन 12 दिसंबर को पड़ रहा है। अन्नपूर्णा जयंती के दिन सुबह प्रात: काल उठकर स्नान करने के पश्चात रसोईघर को अच्छे से साफ सुथरा करें। अब पूरे घर में गंगाजल छिड़क कर घर को पवित्र करें।

अपने घर के रसोई घर की पूर्व दिशा में लाल वस्त्र बिछाएं। अब इसके ऊपर नव धान्य की ढेरी बनाकर उस पर मां अन्नपूर्णा देवी का चित्र स्थापित करें।  अब नव धान्य की ढेरी पर जल से भरा हुआ ताम्र कलश स्थापित करें। ताम्र कलश में अशोक के पत्ते और नारियल रखें। अब जिस गैस चूल्हे या स्टोव पर आप खाना बनती हैं उसकी पूजा करें और अब गाय के घी का दीपक जलाकर  सुगंधित धूप करें। मां अन्नपूर्णा को रोली से तिलक करें, मेहंदी और लाल फूल अर्पित करें। अब गैस चूल्हे को भी रोली लगाकर अक्षत और फूल चढ़ाकर पूजा करें। मां अन्नपूर्णा देवी को धनिया की पंजीरी का भोग चढ़ाएं। मां अन्नपूर्णा की पूजा हमेशा सुबह ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4:00 बजे) या संध्या काल में ही करनी चाहिए। मां अन्नपूर्णा की पूजा करते समय लाल या पीले या सफेद रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए। मां अन्नपूर्णा को कभी भी दूर्वा ना चढ़ाएं। मां अन्नपूर्णा देवी के मंत्र का जाप करने के लिए कभी भी तुलसी की माला का प्रयोग ना करें।  ओम ह्रींग अन्नपूर्णाय नम:, मन्त्र का जाप करने के पश्चात मां अन्नपूर्णा का ध्यान करके उनसे प्रार्थना करें।

इस दिन सभी लोगों को भोलेनाथ और मां पार्वती के अन्नपूर्णा स्वरूप की पूजा अर्चना करनी चाहिए और उनसे श्रद्धा पूर्वक यह प्रार्थना करनी चाहिए कि उनके घर में कभी भी धन-धान्य की कमी ना हो। अन्नापूर्णा जंयती के दिन मां अन्नापूर्णा को घर पर बने हुए भोजन का ही भोग लगाएं।  खाना बनाने के बाद उसमें से तीन रोटी अवश्य निकालें जिसमें से पहली रोटी गाय को, दूसरी रोटी कुत्ते को और तीसरी रोटी कौए को अवश्य खिलाएं। ऐसा करने से मां अन्नपूर्णा आपसे सदैव प्रसन्न रहती हैं और हमेशा अपनी कृपा आप पर बनाए रखती हैं। पूजन करने के बाद गरीबों को अपने घर में बना हुआ भोजन जरूर खिलाएं।

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