दिव्य ज्योति जागृति संस्थान ने करवाया श्री बालाजी का संकीर्तन

दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से कोटकपूरा शहर में स्थित पुरानी सब्जी मंडी के श्री बालाजी मंदिर में एक दिवसीय बालाजी संकीर्तन का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 10:16 PM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 10:16 PM (IST)
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान ने करवाया श्री बालाजी का संकीर्तन
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान ने करवाया श्री बालाजी का संकीर्तन

संवाद सूत्र,कोटकपूरा : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से कोटकपूरा शहर में स्थित पुरानी सब्जी मंडी के श्री बालाजी मंदिर में एक दिवसीय बालाजी संकीर्तन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान अमृतमय प्रवचनों की वर्षा करते हुए साध्वी रितु भारती ने कहा कि हनुमान जी प्रभु श्री राम जी के प्रिय भक्त थे। हनुमान जी ने अपने जीवन का आधार प्रभु को मानकर भक्ति के ऊंचे शिखरों को छू लिया था। हनुमान जी सदैव प्रभु की सेवा में मस्त रहते थे और उनके मुख से भी प्रभु का नाम, उनका सिमरन चलता रहता था। जब मां जानकी की खोज चल रही थी तो उस समय भी हनुमान जी सबसे पहले उनका पता लगाकर प्रभु श्री राम के चरणों में आए थे। राम सेतु पुल के निर्माण के लिए सारी वानर सेना ने बड़े ही प्रेम से अपनी सेवा को निभाया था। हनुमान जी के जीवन चरित्र से मानवजाति को यह प्रेरणा मिलती है, कि किस प्रकार उन्होंने अपने जीवन में प्रभु को बाहरी तौर पर तो जाना ही था। इसके अलावा उन्होंने वास्तविक तौर से प्रभु को भीतर से भी जान लिया था। हनुमान जी ने प्रभु श्रीराम का दर्शन अपने घट में कर लिया था। इसीलिए प्रभु श्री राम और मां सीता उनके हृदय में वास करते थे, जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण उन्होंने अपना हृदय खोलकर दिखा दिया था। हनुमान जी सभी को कहते हैं कि मेरे तो रोम-रोम में श्री राम बस चुके हैं, इसलिए मुझे संसार में किसी और रिश्ते की जरूरत नहीं है। मैं तो बस केवल उनका ही बनकर रहना चाहता हूं। हमारे जीवन में भी हनुमान जी की तरह भक्ति होनी चाहिए। ताकि हम भी अपने जीवन के उद्देश्य को जान पाए और प्रभु का दर्शन अपने घट में ही कर सके। अंत में साध्वी बहनों द्वारा सुमधुर भजनों का गायन किया गया और बाद में प्रभु की पावन पुनीत आरती के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।

chat bot
आपका साथी