धान की बिजाई के रेट के लिए किसानों व मजदूरों में ठनी

कोरोना वायरस की महामारी के चलते ज्यादातर प्रवासी मजदूर पलायन कर चुके है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 07:13 PM (IST) Updated:Tue, 02 Jun 2020 06:14 AM (IST)
धान की बिजाई के रेट के लिए किसानों व मजदूरों में ठनी
धान की बिजाई के रेट के लिए किसानों व मजदूरों में ठनी

संवाद सहयोगी, फरीदकोट

कोरोना वायरस के चलते ज्यादातर प्रवासी मजदूर पलायन कर चुके हैं। इस बार धान की बिजाई के लिए भी प्रवासी मजदूरों की आने की कोई उम्मीद नहीं है। ऐसे में जिले भर में मजदूरों के आभाव के कारण धान की बिजाई के रेट को लेकर किसानों व मजदूरों में ठन गई है। कई पंचायतों ने प्रस्ताव पारित करके रेट फिक्स करना शुरू कर दिया है, वहीं किसान जत्थेबंदियों द्वारा भी धान की बिजाई के लिए रेट तय किए जा रहे हैं।

पिछले साल धान की बिजाई का रेट 25 सौ रुपये प्रति एकड़ था लेकिन इस बार मजदूरों द्वारा चार से पांच हजार रूपये प्रति एकड़ की डिमांड रखी जा रही है। किसान बलदेव सिंह के अनुसार असल में पिछले सालों के दौरान धान की बिजाई के समय पर बिहार से हजारों की तादाद में प्रवासी मजदूर आ जाते थे और मजदूरों की कोई कमी नहीं थी लेकिन इस बार वहां से मजदूर आना तो दूर बल्कि यहां पर रहने वाले प्रवासी मजदूर भी अपने प्रदेश को लौट चुके है जिसके कारण धान की बिजाई के रेट में बढ़ोतरी होना स्वाभविक है।

देहाती मजदूर सभा ने एक बैठक कर धान की बिजाई का रेट 45 सौ रुपये प्रति एकड़ तय किया है। सभा ने सभी मजदूरों को आहवान किया है कि इससे कम रेट पर धान की बिजाई न करें। कम रेट पर बिजाई करने वाले मजदूरों पर सभा ने 20 हजार जुर्माना लगाने का फैसला किया है।

जिला फरीदकोट की कई पंचायतों ने भी बिजाई का रेट फिक्स करने के प्रस्ताव पारित किए हैं। गांव गोलेवाला की चारों पंचायतों ने संयुक्त रूप से पारित प्रस्ताव के माध्यम से बिजाई का रेट 32 सौ रूपये प्रति एकड़ तय किया है और इसकी अवहेलना करने वाले किसान पर 50 हजार जुर्माने का प्रावधान रखा है।

chat bot
आपका साथी