बड़ा खुलासा, गुरमीत राम रहीम था पंजाब में बेअदबी मामलों का मास्टरमाइंड, SIT करेगी पूछताछ

पंजाब में बेअदबी मामलों में बड़ा खुलासा हुआ है। एसआइटी का दावा है कि गुरमीत राम रहीम श्री गुरु ग्रंथ साहिब बेअदबी कांड का मुख्य साजिशकर्ता था। उससे पूछताछ की जाएगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Tue, 07 Jul 2020 09:37 AM (IST) Updated:Tue, 07 Jul 2020 11:10 AM (IST)
बड़ा खुलासा, गुरमीत राम रहीम था पंजाब में बेअदबी मामलों का मास्टरमाइंड, SIT करेगी पूछताछ
बड़ा खुलासा, गुरमीत राम रहीम था पंजाब में बेअदबी मामलों का मास्टरमाइंड, SIT करेगी पूछताछ

जेएनएन, फरीदकोट। पंजाब की सियासत में भूचाल लाने वाले श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी मामले में SIT ने डेरा सच्चा सौदा (Dera Sacha Sauda Sirsa) सिरसा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) को मुख्य साजिशकर्ता बताया है। गुरमीत सहित डेरे की राष्ट्रीय कमेटी में शामिल त्रुशोल कॉलोनी सिरसा के हर्ष धुरी, संदीप बरेटा व प्रदीप कलेर पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। हरियाणा की सुनारिया जेल में बंद डेरा प्रमुख को प्रोडक्शन वारंट पर लेकर पुलिस पूछताछ करेगी।

SIT के प्रमुख DIG रणबीर सिंह खटड़ा ने बताया कि डेरा सिरसा से मिले निर्देश पर ही बेअदबी की गई थी। डेरे की राष्ट्रीय कमेटी के तीनों सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए पंजाब व हरियाणा में छापेमारी की जा रही है। इन तीनों पर गुरमीत की गिरफ्तारी के बाद पंचकूला में हुई हिंसा मामले में भी गंभीर आरोप हैैं। एक जून 2015 को गांव बुर्ज जवाहर सिंह (फरीदकोट) के गुरुद्वारे से श्री गुरु ग्रंथ साहिब का पावन स्वरूप चोरी होने के बाद अब तक की गई जांच का चालान अदालत में सोमवार को पेश कर दिया गया है, जिसमें 11 लोग आरोपित हैैं। पुख्ता तथ्यों के आधार पर गुरमीत राम रहीम को आरोपित बनाया गया है, जो भी लोग गिरफ्तार किए गए हैंं, उनके बयान व साक्ष्य पुलिस के पास हैं।

DIG ने बताया कि 2007 के बाद मालवा क्षेत्र में डेरे का वर्चस्व तेजी से बढ़ रहा था। इसी बीच, 2015 में डेरा प्रमुख की 'एमएसजी' फिल्म रिलीज हुई, जिस पर कुछ सिख संगठनों के साथ डेरा प्रेमियों की तकरार हुई। इसके बाद आरोपितों ने डेरा मुख्यालय, सिरसा से मिले निर्देशों के मुताबिक बदले की भावना से श्री गुरु ग्रंथ साहिब का स्वरूप चोरी किया और चार महीने तक छिपाकर रखा। फिर 25 सितंबर-2015 को गांव बुर्ज जवाहर सिंह के गुरुद्वारा साहिब के बाहर पोस्टर लगाए गए जिसमें कई आपत्तिजनक और सिखों की भावनाओं को भड़काने वाले शब्द थे। इसके बाद 12 अक्टूबर-2015 को बरगाड़ी के गुरुद्वारा साहिब के बाहर पावन ग्रंथ के अंग बिखरे हुए मिले थे।

पांच डेरा प्रेमियों को हिरासत में भेजा

श्री गुरु ग्रंथ साहब की बेअदबी के आरोप में बीते शनिवार को गिरफ्तार फरीदकोट के डेरा प्रेमियों रणदीप सिंह उर्फ नीला, रणजीत सिंह उर्फ भोला, बलजीत सिंह व निशान सिंह को अदालत ने सोमवार को 20 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।

जांच के लिए बनी है दो एसआइटी

DIG खटड़ा के नेतृत्व में बनी SIT श्री गुरु ग्रंथ साहिब के चोरी होने, इसके बाद बरगाड़ी में पोस्टर लगाने और फिर पावन स्वरूप की बेअदबी करने की जांच कर रही है। तीनों मामलों में अलग-अलग केस दर्ज किए गए थे। IG कुंवर विजय प्रताप सिंह के नेतृत्व में एक और SIT बनाई गई है, जो बेअदबी के बाद बहिबलकलां व कोटकपूरा में हुए गोलीकांड की जांच कर रही है। यह SIT पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, पूर्व उपमुख्यमंत्री व अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और अभिनेता अक्षय कुमार से भी पूछताछ कर चुकी है। 

डेरा प्रमुख को माफी से गरमाई थी अकाली सियासत

डेरा सच्चा सौदा और सिखों के बीच विवाद तब हुआ जब 2007 में डेरे ने कांग्रेस को खुला समर्थन दे दिया और डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने गुरु गोबिंद सिंह जी की तरह पोशाक पहनकर अमृतपान करने का स्वांग रचा। इसके बाद गुरमीत के खिलाफ मामला दर्ज करने के साथ ही पंथ से भी निष्कासित कर दिया गया। दस साल तक डेरा प्रेमियों और सिखों के बीच तनाव रहा। दोनों के बीच रोटी-बेटी का रिश्ता तक खत्म कर दिया गया। 2017 के चुनाव से पहले अकालियों ने डेरा प्रेमियों की वोट लेने के लिए जब श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से डेरा प्रमुख को माफी दिलवा दी तो पूरे सिख जगत का गुस्सा फूट पड़ा। चार दिन बाद ही माफी वापस लेनी पड़ी थी।

श्री गुरु ग्रंथ साहिब बेअदबी मामला 1 जून 2015 : फरीदकोट के गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की चोरी 25 सितंबर 2015 : बुर्ज जवाहर सिंह के गुरुद्वारा साहिब के बाहर लगे आपत्तिजनक शब्दों वाले पोस्टर। 12 अक्टूबर 2015 : बरगाड़ी के गुरुद्वारा साहिब के बाहर पावन ग्रंथ की बेअदबी। 14 अक्टूबर 2015 : बहिबलकलां में सिख भड़के, पुलिस फायरिंग में दो नौजवानों की मौत। 14 अक्टूबर 2015 : कोटकपूरा के मुख्य चौक में पुलिस के बल प्रयोग से 100 लोग घायल। 15 अक्टूबर 2015 : मुख्यमंत्री ने SIT व न्यायिक आयोग का गठन किया। 21 अक्टूबर 2015 : बहिबल गोलीकांड के मामले में अज्ञात पुलिस पार्टी पर हत्या का केस। 15 नवंबर 2015 : राज्य सरकार ने बेअदबी मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी 30 जून 2016 : जस्टिस जोरा सिंह आयोग ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी। 14 अप्रैल 2017 : कैप्टन सरकार ने जस्टिस (रिटा.) रणजीत सिंह आयोग का गठन किया। 7 अगस्त 2018 : कोटकपूरा मुख्य चौक पर फायरिंग करने पर अज्ञात पुलिस अधिकारियों पर इरादा ए कत्ल का केस दर्ज। 16 अगस्त 2118 : जस्टिस रणजीत सिंह ने मुख्यमंत्री को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी। 27 अगस्त 2018 : जस्टिस रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट विधानसभा में पेश। 10 सितंबर 2018 : एडीजीपी प्रबोध कुमार की अध्यक्षता में SIT का गठन। 22 जून 2019 : बेअदबी मामले में गिरफ्तार डेरा प्रेमी महिंदरपाल बिट्टू की पटियाला की नाभा जेल में हत्या।

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