पंजाब सरकार और बहिबल गोलीकांड के लिए 20 अप्रैल अहम दिन
कोटकपूरा गोली कांड मामले की पड़ताल रिपोर्ट पंजाब और हरिया ने रद किया।
संवाद सहयोगी, फरीदकोट :
कोटकपूरा गोली कांड मामले की पड़ताल रिपोर्ट पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से रद किए जाने के बाद सवालों के घेरे में आई जांच टीम और पंजाब सरकार के लिए 20 अप्रैल को फिर परख की घड़ी है। बहबल गोली कांड में नामजद आधा दर्जन पुलिस अधिकारियों ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में रिट दायर करके बहबल गोली अध्याय की समूची पड़ताल को रद करने की मांग की है।
जस्टिस अनीता सरीन की अदालत से 20 अप्रैल को अंतिम फैसला आ सकता है। पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी, परमराज सिंह उमरानंगल, पूर्व पुलिस प्रमुख चरनजीत शर्मा और बाकी पुलिस अधिकारियों ने जिस आधार पर कोटकपूरा गोली अध्याय की पड़ताल को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, उसी आधार पर ही बहबल गोली कांड की रिपोर्ट को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। पंजाब सरकार बहबल गोली अध्याय की रिपोर्ट बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है, और साथ ही पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट में दावा किया है, कि कुंवर विजय प्रताप वाली जांच रिपोर्ट पूरी तरह निष्पक्ष और तथ्यों पर आधारित है और आरोपियों को जांच अधिकारी बदलने की मांग करने का कोई संविधान हक नहीं है।
संवाद सहयोगी, फरीदकोट :
कोटकपूरा गोलीकांड मामले की एसआईटी जांच पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से रद्द किये जाने के विरोध में आज शिरोमणी आकली दल अमृतसर (मान) के बुलावे पर सिक्ख जत्थेबंदियों की तरफ से जिला और सेशन जज फरीदकोट की अदालत के बाहर धरना लगा कर रोष-प्रदर्शन किया गया और चीफ जस्टिस पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट और चीफ जस्टिस सुप्रीम कोर्ट के नाम मांगपत्र दिया गया। इस मौके सिक्ख नेताओं ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए जहां 19 अप्रैल को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के समक्ष धरना-प्रदर्शन करने का ऐलान किया गया, वही संघर्ष को तेज करने की बात भी कही गई।
इस मौके पर बहबलकला गोलीकांड में मारे गए कृष्ण भगवान सिंह के बेटे सुखराज सिंह न्यामी वाला और शिरोमणी अकाली दल अमृतसर के महासचिव जसकरन सिंह काहन सिंह वाला ने कहा कि जब किसी के साथ कोई अन्याय होती है, तो उसे आशा होती है, कि अदालत से उसे इन्साफ मिलेगा, परन्तु हाल ही में कोटकपूरा गोलीकांड में आए पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले ने लोगों के इस विश्वास को तोड़ा है। उन्होंने कहा कि सिखों को कहीं से भी इंसाफ मिलने की उम्मीद नहीं है। उन्होंने कहा कि आज उन की तरफ से चीफ जस्टिस पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट और चीफ जस्टिस सुप्रीम कोर्ट के नाम मांग पत्र दिया गया है। उन्होंने कहा कि 19 अप्रैल को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। धरना-प्रदर्शन उपरांत एसपी बाल किशन को मांगपत्र सौंपा कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।