सुखमणि साहिब के पाठ के साथ बाबा फरीद आगमन पर्व की शुरुआत

12वीं सदी के महान सूफी संत बाबा शेख फरीद का आगमन पर्व शनिवार की सुबह सुखमणि साहिब के पाठ के साथ शुरू हुआ। समागम में डिप्टी कमिश्नर विमल कुमार सेतिया व एसएसपी सरवनदीप सिंह को बाबा फरीद संस्था के प्रमुख इंद्रजीत सिंह खालसा व सेवादार महीपइंद्र सिंह सेखों द्वारा सम्मानित किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Sep 2020 10:22 PM (IST) Updated:Sun, 20 Sep 2020 05:07 AM (IST)
सुखमणि साहिब के पाठ के साथ बाबा फरीद आगमन पर्व की शुरुआत
सुखमणि साहिब के पाठ के साथ बाबा फरीद आगमन पर्व की शुरुआत

प्रदीप कुमार सिंह, फरीदकोट : 12वीं सदी के महान सूफी संत बाबा शेख फरीद का आगमन पर्व शनिवार की सुबह सुखमणि साहिब के पाठ के साथ शुरू हुआ। समागम में डिप्टी कमिश्नर विमल कुमार सेतिया व एसएसपी सरवनदीप सिंह को बाबा फरीद संस्था के प्रमुख इंद्रजीत सिंह खालसा व सेवादार महीपइंद्र सिंह सेखों द्वारा सम्मानित किया गया।

कोरोना महामारी के प्रकोप को देखते हुए पंजाब सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के अनुरूप समागम में श्रद्धालुओं की भीड़ न उमड़े इसके प्रबंध बाबा फरीद संस्था द्वारा किए गए हैं। श्रद्धालुओं को कोरोना महामारी से बचाने के लिए जगह-जगह सैनिटाइजर लिए सेवादार खड़े है। गेट पर ही सेवादारों द्वारा श्रद्धालुओं के हाथ सैनिटाइज किए जा रहे है। यहीं नहीं परिसर में भी सभी प्वाइंटों पर ऑटोमैटिक सैनिटाइजर मशीनें लगाई गई है, जिससे लोग अपने हाथ साफ करते रहे। महत्वपूर्ण स्थलों पर सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे। इसके भी प्रबंध किए गए है। शनिवार को सुखमणि साहिब के पाठ में शामिल होने पहुंचे डीसी विमल कुमार सेतिया ने सोसायटी के प्रबंधों पर संतुष्टि व्यक्त की।

महामारी के कारण अधिकांश कार्यक्रम रद करने पड़े : इंद्रजीत

संस्था के मुख्य सेवक इंद्रजीत सिंह खालसा ने कहा कि उन्होंने वर्ष 1969 में एक दिन का आगमन पर्व मनाकर बाबा फरीद आगमन पर्व की शुरुआत की थी, जो आज पांच दिन का हो गया है और यह पंजाब का मान्यता प्राप्त सरकारी मेला बन गया है। उन्होंने कहा कि वह आज 93 वर्ष के हो गए है और यह पहली बार हो रहा है कि किसी गंभीर महामारी के कारण उन्हें आगमन पर्व के अधिकांश कार्यक्रम रद करने पड़े है, साथ ही उन्होंने कहा कि यह निर्णय मानवता की भलाई के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। दविदर सिंह पंजाब मोटर्स के नेतृत्व में श्री सुखमणि साहिब गुरु अमृत सभा फरीदकोट द्वारा श्री सुखमणि साहिब जी का पाठ किया गया। इस अवसर पर सिमरन सिंह हैप्पी, डॉ गुरसेवक सिंह, मग्गर सिंह, नवदीप सिंह बब्बू बराड़, शाम सुंदर, आत्म सिंह, प्रबंधक मनप्रीत सिंह आदि उपस्थित रहे।

बाबा फरीद आगमन पर्व फरीदकोटियों की धरोहर : सेखों

एडवोकेट महीपइंद्र सिंह सेखो सेवादार बाबा फरीद संस्थान ने श्रद्धालुओं से अपील की और कहा कि यह बाबा फरीद आगमन पर्व फरीदकोटियों की धरोहर है। फरीद जी से संबंधित धार्मिक स्थल और शैक्षणिक संस्थान बाबा फरीद संगत की संपत्ति हैं। उन्होंने ईमानदारी के साथ संगत की अपील की और कहा कि इस आयोजन के बाद दूसरी ऐतिहासिक परंपरा जो इस क्षेत्र के संतों द्वारा पिछले 50 वर्षों से श्री अखंड पाठ साहिब के रूप में टिल्ला बाबा शेख फरीद जी के रूप में की जाती है, को भी रेखांकित किया गया। आज का कार्यक्रम 23 सितंबर को एक साधारण और सीमित सभा के साथ होगा। इसके बाद प्रबंध समिति के सदस्य चरणजीत सिंह सेखों, जतिदरपाल सिंह वेणीवाल (अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश), चंद सिंह डोड, डॉ गुरिदर मोहन, स्वतंत्रता सेनानी अमर सिंह सुखिजा, प्रिसिपल कुलदीप कौर, परमिदर सिंह बजाज मणि, बलविदर सिंह बजाज लकी की अगुवाई में संस्थानों के मुख्य सेवक इंद्रजीत सिंह खालसा और सेवक महीप वीर सिंह की अगुवाई डिप्टी कमिश्नर फरीदकोट विमल कुमार सेतिया और एसएसपी फरीदकोट स्वर्णदीप सिंह को सिरोपा और दोशाला देकर सम्मानित किया गया।

महामारी से बचाने के लिए पाबंदियां लगाई : डीसी

डिप्टी कमिश्नर विमल कुमार सेतिया ने क्षेत्र के निवासियों से अपील की कि वह बाबा फरीद जी से प्रेम करने वाले श्रद्धालुओं की भावनाओं से अवगत हैं। समय की परिस्थितियों को देखते हुए भीड़-भाड़ से बचने के लिए यह पाबंदी लगाई गई है ताकि लोगों को कोरोना महामारी से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि वह उर्दू और फारसी में पारंगत हैं और इतिहास के छात्र रहे हैं और उन्होंने बाबा फरीद जी के बारे में कई पुस्तकों का अध्ययन किया है। यह साबित करता है कि बाबा फरीद जी का फरीदकोट शहर कई सौ साल पुराना है। वह अपने को सौभाग्यशाली समझते है कि उन्हें फरीदकोट में सेवा करने का अवसर मिला।

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