पराली जलाने से फैलता है प्रदूषण

डिप्टी कमिश्नर फरीदकोट विमल कुमार सेतिया ने किसानों से पराली न जलाने की अपील की.

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 04:00 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 04:00 PM (IST)
पराली जलाने से फैलता है प्रदूषण
पराली जलाने से फैलता है प्रदूषण

जागरण संवाददाता, फरीदकोट,

डिप्टी कमिश्नर फरीदकोट विमल कुमार सेतिया ने किसानों से पराली, फसल अवशेषों में आग न लगाने और फसल के अवशेषों को मिट्टी में मिलाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि फसल के अवशेषों को जलाने से न केवल लोगों को कठिनाई होती है, बल्कि इससे भूमि की उर्वरता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इससे हवा में प्रदूषण फैलाता है, जिससे श्वसन संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। कचरे को जलाने से मिट्टी की उर्वरता भी कम हो जाती है। आग लगने से खड़ी फसल या गांव में भी आग लगने का खतरा है।

जिला कृषि अधिकारी डॉ हरनेक सिंह रोडे ने कहा कि जिले को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए अधिक से अधिक ग्राम स्तरीय किसान प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इसके माध्यम से किसानों, कंबाइन ऑपरेटरों और मालिकों को संवेदनशील बनाया जा रहा है।

उन्होंने किसानों, संचालकों और मालिकों को केवल (एसएमएस) मशीनों से धान की कटाई करने की अपील की ताकि आने वाले रबी सीजन में गेहूं को हैपी सीडर और सुपर सीडर के साथ बिना किसी परेशानी के बोया जा सके। उन्होंने कहा कि दिन में धान की कटाई की जानी चाहिए। जिले में बिना एसएमएस स्थापित किए गए किसी भी संयोजन को चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। एसएमएस कॉम्बिनेशन संचालित करने वाले किसी पर भी मुकदमा चलाया जाएगा और जुर्माना लगाया जाएगा।

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