बेसहारा पशु बन रहे हादसों का कारण

सर्दी व घने कोहरे के मौसम में बेसहारा पशु हादसों का कारण बन रहे है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 10:40 PM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 10:40 PM (IST)
बेसहारा पशु बन रहे हादसों का कारण
बेसहारा पशु बन रहे हादसों का कारण

देवानंद शर्मा, फरीदकोट

सर्दी व घने कोहरे के मौसम में बेसहारा पशु हादसों का कारण बन सकते हैं। घने कोहरे में हाइवे पर घूम रहे इन पशुओं के कारण हमेशा हादसों का डर बना रहता है। शहर में बेसहारा पशुओं की समस्या गंभीर होती जा रही है। जिला प्रशासन की ओर से इस समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

शहर में बेसहारा पशुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। दिन के समय भी पशु सड़कों के बीच आकर बैठ जाते हैं जिस कारण हादसे होने का अंदेशा बना रहता है। रात के समय परेशानी ज्यादा रहती है। सांड रात को सड़कों पर बैठ जाते हैं और दिखाई न देने के कारण हादसा हो जाता है। सड़कों पर घूम रहे पशु हादसों का कारण बन रहे हैं।

एडवोकेट दिनेश भारद्वाज ने कहा कि इन जानवरों के कारण लोगों का सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया है। ऐसे में लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। एक बार तो जिला प्रशासन ने पशुओं को उठाकर गोशाला में छोड़ने का प्रयास शुरू कर दिया था उनमें से कई पशु छोड़कर वहां पर भेजे हुए थे लेकिन अब जब से सर्दी पड़ने लगी है तब से फिर सड़कों पर पशु बहुत ज्यादा घूमने लगे हैं। गगन कुमार ने कहा कि प्रशासन सिर्फ खानापूर्ति कर बिल्कुल भी ध्यान नहीं है तो किन को चाहिए कि लोगों की जिदगी से खिलवाड़ न करें।

सुबह व शाम को कोहरा और धुंध भी छा रही है। धुंध में हादसे भी अधिक हो रहे है। लेकिन अगर समय रहते कुछ इंतजाम कर लिए जाए तो इन हादसों को रोका जा सकता है। लेकिन स्थानीय प्रशासन के प्रयास भी अब अधूरे से लग रहे हैं। धुंध के समय सड़क हादसा होने का एक कारण सड़कों पर बेसहारा पशुओं का जमावड़ा भी है। रात के समय ये बेसहारा पशु वैसे ही नजर नहीं आते और ऊपर से धुंध आने के कारण सड़क पर देखना मुश्किल होता है। पिछले कुछ दिनों से सड़क पर बेसहारा पशुओं की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इनसेट

चल रहा गोशाला भेजने का अभियान : डा. राजीव डा राजीव छाबड़ा ने कहा की हमारी तरफ से पहले भी 700 पशुओं को पकड़ कर यहां गोशाला में छोड़ा गया है, और हमारी तरफ से लगातार अभियान चल रहा है। हम इसके लिए लोगों का सहयोग भी चाहिए और लेकिन हमारी तरफ से जो सरकार की गाइडलाईन है उसी हिसाब से काम किया जा रहा है।

chat bot
आपका साथी