इमरजेंसी और कोरोना केसों को छोड़ी सरकारी अस्पतालों में सभी सेवाएं बंद
प्रदेश सरकार द्वारा डाक्टरों की मांगे न माने जाने से हड़ताली डाक्टर अपने हड़ताल को आगे बढ़ा दिए हैं।
जागरण संवाददाता, फरीदकोट :
प्रदेश सरकार द्वारा डाक्टरों की मांगे न माने जाने से हड़ताली डाक्टर अपने हड़ताल को आगे बढ़ा दिए हैं। सिविल सर्जन दफ्तर को भी हड़ताल के दायरे में लाने के लिए सोमवार को डाक्टरों की ओर से सिविल सर्जन दफ्तर में ताला लगाए जाने की रणनीति है।
डाक्टर व प्रदेश सरकार के बीच आम आदमी पिस रहा है। आलम यह है कि एक महीने से ज्यादा समय से चल रही डाक्टरों की हड़ताल के कारण अब गांवों से भी अस्पताल आने वालों की संख्या कम हो गई है, अस्पताल परिसर वीरान दिखाई दे रहे हैं। एनपीए में की गई कटौती से नाराज डाक्टर अपनी मांगों को मनवाने के लिए नित नई-नई तरकीब अपना रहे हैं, जिससे कि उनकी आवाज सरकार तक पहुंचे।
हड़ताली डाक्टरों द्वारा सोमवार से इमरजेंसी व कोरोना को छोड़कर दूसरी अन्य सेवाएं पूरी तरह से बंद करने का ऐलान किया गया है। पीसीएमएस के प्रदेश उपाध्यक्ष डाक्टर चंद्रशेखर कक्कड़, जिला महासचिव डाक्टर विश्वदीप गोयल व जिला प्रधान डा. रूपिदर कौर धालीवाल ने बताया कि कोरोना महामारी के सभी कार्य किए जाएंगे ताकि लोगों को महामारी के कारण कोई परेशानी न हो परंतु इमरजेंसी को छोड़कर दूसरी सेवाएं पूरी तरह से ठप्प रखी जाएगी, और लोगों को हो रही परेशानी की जबावदेह प्रदेश सरकार है।
मेडिकल कालेज में 11 बजे के बाद चलती रहेगी ओपीडी व दूसरी सेवाएं
मेडिकल कालेज अस्पताल के डाक्टर भी सेहत विभाग के डाक्टरों का हड़ताल में साथ दे रहे है। हालांकि मेडिकल कालेज अस्पताल के डाक्टर सुबह से दिन में 11 बजे तक रोष-प्रदर्शन उपरांत रोजाना ओपीडी में मरीजों को देखने के साथ ही दूसरी सेवाओं को जारी रखेंगे। मरीजों के हित में लिए गए इस फैसले का लोगों द्वारा स्वागत किया जा रहा है।